देश की खुशहाली के लिए बीकानेर से उज्जैन के लिए पैदल यात्रा

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किसानों को देंगे “जीवामृत” की जानकारी
बीकानेर। “जय महाकाल…महादेव करेगा बेड़ा पार… बम बम भोले..जय शिवशंकर…” नारों से सावन का महीना गूंज उठा है। श्रावण मास भोले शंकर की पूजा अर्चना का माना जाता है। इसी महीने में कांवड़िये नदियों से जल लाकर शिवालयों में चढ़ाते हैं। भोले का एक ऐसा ही एक भक्त बीकानेर से निकल पड़ा है और महाकाल से देश की खुशहाली की अरदास करेगा। खुशहाली खेती से आती है और कीटनाशक मुक्त खेती के लिए ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना जरूरी है। ऐसे में “जीवामृत” का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। “जीवामृत” गोमूत्र और गोबर से बनाया जाता है।
बीकानेर निवासी महावीर सिंह राजपुरोहित शुक्रवार को बीकानेर से उज्जैन के लिए पैदल यात्रा पर रवाना हुआ है। वह नोखा, नागोर, मेड़ता, पुष्कर, अजमेर, भीलवाड़ा, नीमच होते हुए लगभग एक महीने में 750 किलोमीटर की यात्रा के बाद उज्जैन पहुंचेगा। राजपुरोहित रास्ते में लोगों को, खासकर किसानों को जीवामृत की जानकारी देगा। ऑरगेनिक खेती में जीवामृत से दोगुना तक उपज ली जा सकती है।
राजपुरोहित इन्द्रप्रस्थ नगर से रवाना हुआ। पूजा अर्चना के बाद डी. के. राजपुरोहित और वरिष्ठ पत्रकार श्याम मारू ने महावीर सिंह राजपुरोहित को उज्जैन के लिए रवाना किया।
गंगाशहर पहुंचने पर वरिष्ठ पत्रकार भवानी जोशी के नेतृत्व में पैदलयात्री का स्वागत किया गया। बीकानेर जिला कैमिस्ट एसोसिएशन के सचिव किशन जोशी, आनन्द गोदारा, श्रीराम चौधरी,रमेश उपाध्याय और आर.सी. सिरोही आदि ने पदयात्री का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

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