


बीकानेर। बीकानेर केन्द्रीय कारागृह में वरिष्ठ शासन उप सचिव (गृह) राजस्थान सरकार भवानीशंकर के मुख्य आतिथ्य में बैठक आयोजित हुई। जिसमें राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जेल कमेटी के सभी सदस्यों ने केदियों के कल्याण एवं उत्थान के लिये विचार-विमर्श किया।
बैठक में जेल कमेटी के सदस्यों के साथ जेल परिसर का निरीक्षण किया तथा व्यवस्थायें देखी गई। जिसमें बीकानेर केन्द्रीय कारागार में चल रही गतिविधियों के बारे में जानकारी ली गई तथा जेल कमेटी के सदस्यों से सुझाव मांगे गये तथा कमेटी के सदस्यों द्वारा दिये गये सुझावों को राज्य सरकार को भेजा जायेगा जिससे केन्द्रीय कारागार के केदियों के कल्याण के लिये भविष्य के लिये योजनाऐं बनाई जा सके। सदस्य एडवोकेट अशोक कुमार मारू ने बताया कि जेल कमेटी के सदस्यों को केन्द्रीय कारागार के जेल अधीक्षक परमजीत सिंह सिद्धू ने जानकारी दी और निरीक्षण कराया । उन्होंने बताया कि केन्द्रीय कारागार बीकानेर में विचाराधीन केदियों की वीसी द्वारा कोर्ट में पेशी करोना काल में करवाई गई तथा आगे भी इसकी उपयोगिता का पूरा लाभ केदियों को दिया जायेगा तथा केन्द्रीय कारागार में राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त आईआईटी सेन्टर द्वारा कम्प्युटर साईन्स की लेब में कम्प्युटर कोर्स तथा अन्य सर्टिफिकेट कोर्स केदियों को कराये जाते हैं जिससे कि जब वे बन्दीगृह से छुटे तो उन्हें रोजगार मिल सके। कई विचाराधीन केदियों को सरकारी नौकरियां भी इन्हीं कोर्स द्वारा मिली है जिसकी सराहना की गई तथा भविष्य की योजनाओं के लिये सर्वधर्म भाव रखते हुए विभिन्न प्रकार के योग करवाना, सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाना, भजन संध्या करवाना, मोटिवेशनल स्पीच, स्किल डवलपमेन्ट के कोर्सेज करवाना एवं मेडिकल कैम्प लगाना तथा केदियों के स्वास्थ्य की सभी जांचें करवाना तथा जेल परिसर को हरे-भरे पेड़ पौधे लगा कर पर्यावरण को संरक्षित करने के सुझाव दिए। इस अवसर पर अतिथियों ने जेल परिसर में वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी किया। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जेल कमेटी के सदस्य एडवोकेट प्रेमनारायण हर्ष, एडवोकेट अशोक कुमार मारू, समाजसेवी हरिशंकर नायक तथा जेल अधीक्षक श्री परमजीत सिंह सिद्धू, उप अधीक्षक शिवम जोशी, कारापाल मुकेश त्यागी, इन्द्राज झरिया, सुरेश मीणा, विनोद आदि केन्द्रीय कारागार के अधिकारीगण उपस्थित रहे जो केदियों के समक्ष रूबरू हुए और केदियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा तो केन्द्रीय कारागार की सभी व्यवस्थाओं को संतोषप्रद पाया और किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं पाई गई।