तेजू माली प्रकरण में आरोपियों की जमानत खारिज

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बीकानेर। बीकानेर के बहुचर्चित तेजू माली मारपीट प्रकरण में गिरफ्तार सभी आरोपियों की जमानतें अपर सेशन न्यायाधीश संख्या 5 बीकानेर ने खारिज कर दी है। अपर सेशन न्यायाधीश संख्या 5 में तेजू माली मारपीट प्रकरण के तीन आरोपियों असगर अली, मोहम्मद जफर, टीकाराम की जमानत लगाई गई थी। जिनमें आरोपियों के अधिवक्ता ने जमानत के लिए निवेदन किया । जमानत का विरोध करते हुए राजकीय अभिभाषक धीरज चौधरी व तेजू माली व परिवादी के अधिवक्ता ओमप्रकाश हर्ष व लीलाधर भाटी ने जमानत आवेदन का पुर जोर विरोध करते हुए तर्क दिया कि परिवादी एवं तेजकरण के साथ सहआरोपियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से घातक हथियार, तलवार, लोहे के पाईप, फायर आर्म्स आदि से लेस होकर दिन दहाड़े शहर के व्यस्तम मार्ग पर हमला किया है। जिससे आहत तेजकरण के फायर आर्म्स से पांच गोलियां लगी तथा तलवार एवं लोहे के पाईप आदि से गंभीर चोटें कारित हुई है। वर्तमान में वह भर्ती है और जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा है। आरोपियों से तलवार, लोहे का सरिये बरामद हुए है तथा अन्य सहअभियुक्तों से दो देशी कट्टे, जिन्दा कारतूस, लोहे के पाईप आदि बरामद हुए है और जमानत खारिज करने का निवेदन किया । जिस पर न्यायालय जिस पर न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अश्विनी शर्मा द्वारा आदेश दिया कि दौराने अनुसंधान अभियुक्तगणों के विरूद्ध 307, 323, 341, 147, 148, 149 आईपीसी, 27 आर्म्स एक्ट सपठित धारा 109 भारतीय दण्ड संहिता का अपराध प्रथम दृष्टया प्रमाणित माना है । आरोपियों पर आरोप है कि उन्होनें सहअभियुक्त के साथ मिलकर सामान्य उद्देश्य के अग्रसरण में परिवादी व तेजकरण पर तलवार, लोहे के पाईप, फायर आर्म्स से हमला किया है, जिससे तेजकरण के फायर आर्म्स से गोलिया लगी है तथा तलवार, लोहे के पाईप आदि से चोटें कारित की गयी है, सह अभियुक्तों से फायर आर्म्स, जिन्दा कारतूस, तलवार, पाईप आदि बरामद किये गये है और अभियुक्तों के विरूद्ध गंभीर अपराध का आरोप है तथा तथ्यों एवं परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए असगर, टीकाराम, मोहम्मद जफर का जमानत प्रार्थना पत्र अस्वीकार कर खारिज कर दिया।

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