क्रिकेट बना हिंसा की वजह: खेल के बहाने युवाओं के बीच बढ़ती आपसी रंजिश

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बीकानेर, नोखा। एक समय था जब क्रिकेट मेलजोल और खेल भावना का प्रतीक था, लेकिन अब यही खेल आपसी रंजिश और हिंसा की वजह बनता जा रहा है। नोखा क्षेत्र में एक मामूली क्रिकेट विवाद के चलते छह युवकों ने मिलकर एक युवक पर जानलेवा हमला कर दिया। लाठी-डंडों और लोहे की चाबी से हमला कर युवक की टांग तोड़ दी गई।

घटना का संदर्भ:
24 जून को रासीसर पुरोहितान निवासी मोहित बिश्नोई के परिवार और हडमान के परिवार के बच्चों के बीच क्रिकेट खेलते समय बहस हो गई थी। सामान्य समझौते की बजाय इस बहस ने जल्द ही हिंसा का रूप ले लिया।

संगठित हमला:
दो दिन बाद, जब मोहित अपने दोस्तों दीपाराम और नरेंद्र के साथ घर लौट रहा था, तब हडमान ने योजनाबद्ध तरीके से बोलेरो में सवार अपने साथियों को बुला लिया। रविंद्र, मोहित, ऋषभ, सुनील और मुकेश रिछपाल लाठियों से लैस होकर पहुंचे। हडमान ने लोहे की चाबी से मोहित पर हमला किया, जिससे वह घायल होकर गिर पड़ा। इसके बाद सामूहिक रूप से उसकी बेरहमी से पिटाई की गई।

सवालों के घेरे में कानून-व्यवस्था:
हमले के बाद आरोपी फरार हो गए। यह घटना क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है, जहां छोटे-छोटे झगड़े अब हिंसक घटनाओं का रूप ले रहे हैं।

पुलिस जांच जारी:
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अस्पताल में इलाज के दौरान मोहित के पैर की हड्डी टूटने की पुष्टि हुई है।

विशेषज्ञों की राय:
समाजशास्त्रियों का मानना है कि युवाओं में बढ़ रही आक्रामकता और कानून का डर खत्म होना, इस तरह की घटनाओं का मुख्य कारण है। जरूरत है कि स्कूलों और समाज में खेल को अनुशासन और संयम के माध्यम के रूप में फिर से स्थापित किया जाए।

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