पत्रकार आचार्य के पुत्र के साथ बुरी तरह मारपीट, सिर में गंभीर चोटे

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बीकानेर। राजगढ़ के वार्ड 8 में शुक्रवार को प्रात: रंजिश वश किए गए जानलेवा हमले में पत्रकार पुत्र आनंद आचार्य घायल होकर लहूलुहान गए। आनंद के सिर में गम्भीर चोटें आई है, जिनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस बारे में यहां के वरिष्ठ पत्रकार मदन मोहन आचार्य ने राजगढ़ पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज करवाया है। मुकदमे के अनुसार परिवादी के पड़ोसी श्री राम आचार्य व उसकी पत्नी अनुसूईया प्रार्थी और परिवार से रंजिश रखते हैं। प्रार्थी अपने पट्टेशुदा भूखंड में इजाजत तामीर लेकर नियमानुसार निर्माण कार्य करवाना चाहते हैं। इस वैध कार्य को श्रीराम आचार्य परिवार व उसके साथी होने नहीं देना चाहते। शुक्रवार को प्रात जब भूखंड पर

नींव खुदवाई जा रही थी उसे समय आनंद आचार्य सविता, केशव व पीयूष मौके पर खड़े थी, उस दौरान श्री राम आचार्य, अनुसूईया उनके पुत्र ओम पुत्री मुस्कान तथा भतीजे पवन कुमार पुत्र बृजमोहन आचार्य अचानक भूखंड में घुस आए और गंदी गंदी गालियां देते हुए आनंद आचार्य पर टूट पड़े। मारपीट में आनंद आचार्य नीचे गिर गया तो ओम ने वहां पड़ी लोहे की कस्सी उठाकर सिर पर मार दी। इस प्राणघातक हमले से आनंद का सिर फट गया और वह लहूलुहान हो गया। सविता ने बीच बचाव करना चाहा तो उस पर भी वार किए गए और वह भी चोटिल हो गई। उल्लेखनीय है कि श्री राम आचार्य परिवार पिछले काफी समय से परिवादी को तंग परेशान कर रहा है। श्रीराम आदि नहीं चाहते कि मदन मोहन आचार्य अपने पट्टेशुदा भूखंड पर मकान का निर्माण करवाए। उनकी मंशा भूखण्ड हथियाने की है। इस प्रकार की स्थिति में 1 जून को राजगढ़ थाने में परिवाद भी दिया था और पुलिस ने उसकी जांच भी की थी। जांच के दौरान मौके पर पुलिस के समक्ष श्री राम व पवन आदि नेहरकत की थी तब जांच अधिकारी एसआई सरदार धर्मेंद्र सिंह उन्हें पकड़ कर थाने ले गए थे। पुलिस ने बिना किसी प्रकार की कार्यवाही किए घंटे भर बाद उनको छोड़ दिया जिससे इन तत्वों के हौसले और बढ़ गए। और मुख्य गेट का दरवाजा तोड़ दिया गया जब इसकी सूचना पुलिस को दी गई तो भी उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। यदि पुलिस उस दिन कार्रवाई कर देती तो यह सिर फुटौव्वल की स्थिति नहीं बनती। पुलिस की ढिलाई के कारण श्री राम आचार्य, अनुसुइया पवन कुमार और उसके साथी बेधडक़ होकर गैर कानूनी हरकतें कर रहे हैं। राजगढ़ पुलिस थाना अधिकारी सीआई राजेश सिहाग ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार को सौंप गई है।

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