लाखों प्रवासियों के लिए रामबाण साबित हुई रोडवेज की बसें

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हेमन्त रावत
बीकानेर। कोरोनाकाल के दौरान जहां एक ओर प्रदेशभर में लाखों लोग अलग-अलग स्थानों पर फंसकर ही रह गए। राज्य सरकार के निर्देशानुसार अपनों से बिछड़ों को मिलाने के लिए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड की बसे रामबाण साबित हुई। कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन में फंसे लाखों प्रवासियों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए रोडवेज ने विभिन्न चरणों के माध्यम से बसों का संचालन किया। जिससे प्रदेशभर में 20 अपे्रल के बाद वर्तमान समय तक एक लाख से भी अधिक लोगों को उनकों घरों तक पहुंचाया है। इस दौरान रोडवेज की बसों के माध्यम से प्रदेश के भीत्तरी इलाकों सहित बाहरी प्रदेशों के प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।
बाहरी राज्यों 72 हजार श्रमिकों को मिली राहत
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक नवीन जैन ने बताया कि 72 हजार बाहरी राज्यों के श्रमिकों को मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा उत्तराखंड इन चार राज्यों में प्रमुख रूप से पहुंचाया गया है। इसके अतिरिक्त पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, गुजरात और छत्तीसगढ के श्रमिकों को भी उनके राज्यों में भेजे जाने के लिए रोडवेज की बसों द्वारा व्यवस्था की गई है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या मध्य प्रदेश के (35हजार) श्रमिकों की है जिन्हें मुरैना, शिवपुरी, गुना तथा मंदसौर जिलों तक छोड़ा गया है। इसके उपरान्त उत्तर प्रदेश के 28 हजार, दूसरी बड़ी संख्या है जिन्हें आगरा, मथुरा तथा हाथरस तक रोडवेज की बसों से पहुंचाया गया है। वापस आने वाले श्रमिकों में सबसे ज्यादा संख्या गुजरात की है जहॉं से आने वाले लगभग 12 हजार श्रमिकों को डूंगरपुर, सिरोही तथा जालौर की सीमाओं से रोडवेज की बसों के माध्यम से उनके घरों में पहुंचाया गया है।
टे्रनों से आए प्रवासियों को पहुंचाया गंतव्य तक
जानकारी में रहे कि कोरोनाकाल के दौरान अलग-अलग स्थानों पर फंसे प्रवासियों को भारतीय रेल की ओर टे्रने चलाकर पहुंचाया गया। जिसमें 82 हजार प्रवासियों ऐसे भी है जिनको रेलवे स्टेशन से लेकर उनके गृह जिलों तक पहुंचाने का कार्य रोडवेज की बसों द्वारा किया जा रहा है। अभी तक राजस्थान में आई 50 ट्रेनों में 40 हजार लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया गया। इसी प्रकार राजस्थान से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों को जाने वाली रेलगाडियों से श्रमिकों को राजस्थान के कोने-कोने से बसों के माध्यम से लाकर टेऊन में बैठाया गया है। यदि उपरोक्त दोनों आंकड़ों को एक साथ मिलाकर देखा जाये तो 1,82,000 से ज्यादा श्रमिकों को बाहरी राज्यों से राजस्थान में उनके घर पहुंचाया तथा बाहर के श्रमिकों को राजस्थान से उनके घरों तक पहुंचाने में राजस्थान रोडवेज की बसों की महत्ती भूमिका रही है।
बीकानेर आगार मुख्य प्रबंधक इन्द्रा गोदारा ने बताया कि बीकानेर डिपो से कोरोनाकाल के दौरान रोडवेज बसों का संचालन करते हुए श्रमिकों को राहत मिली। गोदारा ने बताया कि बीकानेर लगभग 250 बसों का संचालन करते हुए 8500 श्रमिकों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाया गया।

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