


बीकानेर। जिला न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना ने रामदेवरा की यात्रा के दौरान बिजली के तार गिरने से हुई मौत के मामले में जोधपुर डिस्कॉम को दोषी मानते हुए मृतक के माता-पिता को 17.52 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है। यह घटना 4 सितंबर 2016 को नोखड़ा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 15 पर हुई थी। सुजानदेसर निवासी पप्पूराम सोलंकी और भैराराम रामदेवरा की यात्रा पर थे, जब अचानक बिजली का तार टूटकर उनके ऊपर गिर गया। करंट की चपेट में आने से दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। पप्पूराम की हालत गंभीर होने के कारण उसे जयपुर के फोर्टिस अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पप्पूराम के माता-पिता कमला देवी और बछराज सोलंकी ने घातक दुर्घटना अधिनियम, 1855 के तहत न्यायालय में वाद दायर किया। अदालत ने जोधपुर डिस्कॉम को दोषी मानते हुए कुल 17,52,303 रुपए की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया। इसमें 8,91,072 रुपए क्षतिपूर्ति, अंतिम संस्कार के 15,000 रुपए, लॉस ऑफ इस्टेट के 15,000 रुपए और इलाज के मेडिकल बिल के अनुसार 8,31,231 रुपए शामिल हैं। इसके साथ ही, अदालत ने वर्ष 2016 से 7.5 प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान करने का निर्देश दिया है। घातक दुर्घटना अधिनियम, 1855। यह अधिनियम उन मामलों में क्षतिपूर्ति प्रदान करता है जब किसी व्यक्ति की मृत्यु या चोट व्यक्ति या विभाग की लापरवाही के कारण होती है। इसके तहत सत्र न्यायालय में वाद दायर कर क्षतिपूर्ति का दावा किया जा सकता है।