


बीकानेर। उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल को इस वित्तीय वर्ष में 4538 मीट्रिक टन स्क्रैप बेचकर 19.23 करोड़ रुपए की आय हुई है। बीकानेर मंडल रेल प्रबन्धक डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि बीकानेर मंडल पर कबाड़ निस्तारण के लिए अभियान चलाया गया, जिसका उद्देश्य सुगम रेल संचालन करना, रेल परिसरों को स्वच्छ, सुव्यवस्थित तथा सुरक्षित बनाना है।
डीआरएम आशीष कुमार ने बताया कि 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान बीकानेर मंडल के विभिन्न स्टेशनों, कार्यालयों और रेल खंडों से एकत्रित 4538 मीट्रिक टन स्क्रैप की बिक्री से मंडल को 19.23 करोड़ रुपए मिले। इस आय का उपयोग स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में वृद्धि , यात्री प्रतीक्षालयों के आधुनिकीकरण, प्लेटफॉर्म विस्तार, वेटिंग एरिया, स्वच्छ शौचालय, पीने के पानी की सुविधाएं, ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन, आधुनिक सुरक्षा उपकरण, सीसीटीवी, बायो-टॉयलेट्स व एलिवेटेड वॉक वे जैसी परियोजनाओं में किया जा सकता है I
रेलवे के कबाड़ व इसके निस्तारण से हुआ ये फायदा
रेलवे के कबाड़ में मुख्य रूप से रेल, पुराने टीन शेड, पुरानी पानी की टंकियां, बेकार वाहन, अनुपयोगी वैगन, कोच और लोहा स्क्रैप शामिल होता है। इनका निपटारा होने के परिणामस्वरूप स्टेशनों व रेल लाइनों के आसपास फैले स्क्रैप हटाने से ट्रेनों की आवाजाही पहले से ज्यादा सुरक्षित एवं सुगम हो गई है। पुराने रेल टुकड़े, स्लीपर और टाई बार जैसे स्क्रैप कभी- कभी हादसों का कारण बनने की सम्भावना रहती है,इसलिए समय पर स्क्रैप के निपटारे से सुरक्षित रेल संचालन में सहयोग मिलता है, साथ ही आय भी होती है I छोटी जगहों पर रखे अनुपयोगी ढांचे जैसे स्टाफ क्वार्टर, केबिन, शेड आदि को हटाने से जगह खाली होती है इस खाली जगह का रेलवे वभिन्न प्रकार से उपयोग कर सकती है। स्क्रैप बिक्री रेलवे की निष्प्रयोज्य सामग्रियों के वैज्ञानिक और पारदर्शी निष्पादन की प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे न केवल पर्यावरणीय स्वच्छता सुनिश्चित होती है, बल्कि आर्थिक संसाधनों में भी वृद्धि होती है।मंडल रेल प्रबन्धक श्री आशीष कुमार ने इस उपलब्धि के लिए मंडल की सामग्री प्रबंधन शाखा एवं संबंधित विभागों के कर्मचारियों को बधाई दी है और भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन की अपेक्षा जताई है। बीकानेर मंडल रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को समय से पहले प्राप्त करने की दिशा में निरंतर अग्रसर है।
बीकानेर मण्डल भविष्य में भी बेकार पड़ी सामग्री का यथासंभव दोहन कर रेलवे को स्वच्छ, पारदर्शी एवं लाभकारी बनाने हेतु प्रतिबद्ध है।