राजस्थानी को राजभाषा बनाने का मुद्दा फिर गर्माया

The issue of making Rajasthani the official language again heated up
Spread the love

बीकानेर। नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने के लिए राजस्थान में मातृभाषा में यह शिक्षा नीति को लागु करने के लिए राजस्थान के कईं विधायकों ने लगाया ध्यानाकर्षण- प्रस्ताव। जिसमें विधायक जोगेश्वर गर्ग, डॉ. राजकुमार शर्मा, ओमप्रकाश हुडला, बलवान पूनिया, रूपाराम धनदेव, मनीषा पंवार, गिरधारी लाल महिया, खुशवीर सिंह, कृष्णा पूनिया, मदन प्रजापत आदि शामिल हैं। गौरतलब है कि राजस्थानी भाषा को प्रदेश की द्वितीय राजभाषा बनाने के लिए 150 से ज्यादा विधायक एवं मंत्री, माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र लिख चुके हैं। 2003 में राजस्थानी भाषा के लिए सर्वसम्मति से संकल्प प्रस्ताव पारित हो चुका है। बाहरी कोटा तय करने एवं राजस्थान के युवाओं की बेरोजगारी की समस्या को दुर करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा के इसी सत्र में राजस्थान राजभाषा अधिनियम,1956 में संशोधन कर राजस्थानी भाषा को प्रदेश की द्वितीय राजभाषा का दर्जा दे सकते हैं। गौरतलब है कि कई राज्यों ने अपनी-अपनी मातृभाषाओं को राजभाषा का दर्जा दे रखा है। राजस्थान के सभी राजनैतिक दलों में इस बात पर आम सहमति बन रही है और राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाने हेतु तीव्र प्रयास जारी है।

Load More Related Articles
Load More By alertbharat
Load More In बीकानेर
Comments are closed.