शहर में खुशहाली का संदेश अब आकाश में चंदा उड़ाकर दिया जायेगा

The message of prosperity in the city will now be given by flying in the sky
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बीकानेर। वर्तमान में पूरा विश्व महामारी का सामना कर रहा है । लगातार लग रही पाबंदियों से बीकानेर मे हालात बिगडते नजर आ रहे है। ऐसे मे व्यास परिवार द्वारा नये तरीके से शहरवासियों से कोरोना महामारी रोकथाम की अपील करेंगे। बीकानेर स्थापना दिवस अक्षय द्वितीया और अक्षय तृतिया के मौके पर शहर में पतंगबाजी के साथ गोल सूर्यानुमा राजपतंग ‘चंदा’ उड़ाने की परम्परा भी रही है। कहा जाता है कि जब बीकानेर बसाने के बाद यहां के तत्कालीन राजा राव बीका जी ने तेज आंधियो में सूर्य न दिखने की वजह से, एक सूर्यनुमा पतंग बनाकर उसमें अपनी खुद की पगड़ी लगाकर सूर्यदेव को नमस्कार किया। तब से ये परम्परा बीकानेर में चलती आ रही है। एक समय के बाद जब राजपरिवार में चन्दा उडऩा बंद हुआ तो मथेरण जाति के लोग इसे उड़ाने लगे और उनके बन्द करने बाद कीकाणी व्यासों के चैक में हैप्पी व्यास परिवार पिछले 37 सालों से ये परम्परा निभाता चला आ रहा है।
इस बार क्या है विशेष –
व्यास के अनुसार इस वर्ष चंदे पर कई प्रकार के स्लोगन लिछे गये है जिसमे ‘पश्चिम धर रा बादशाह, पाछा लो अवतार, कोड़ बांझ ने दूर करयो, अब करो कोरोना रो नाश’, ‘ऐ कोरोना यही पर रूक जाना कुछ काम अभीतक बाकी है, अरमान जलाते आया हूं अरमान जलाने बाकी हैÓ। इस प्रकार भगवान से अर्ज कर इस महामारी से छुटकारा पाने की आश की है । इसी प्रकार कोरोना वारियर्स के लिए भी ‘अपने करूणा के बुंदों से, जो रोक रहे है कोरोना की ज्वाला, खुद विष पीकर दुनिया को देते है अमृत का प्याला।Ó जैसे स्लोगन लिखकर धन्यवाद किया गया।
हैप्पी व्यास परिवार के पंडित ब्रजेश्वर लाल व्यास बताया कि पिछले 37 सालों से हर परिस्थितियों गुजरकर उन्होंने ये परम्परा निभाई है, शहर के साफा और चन्दा विशेषज्ञ गणेश व्यास का कहना है कि प्रशासन द्वारा जारी गाईडलाईन को मानते हूए, अगर समाज का एक एक व्यक्ति उनकी पालना नही करेगा तो नुकसान पूरे शहर को हो सकता है। कोरोना महामारी से बचने का केवल एक मात्र उपचार है वो है बचाव। व्यास बताते है इस साल स्थापना दिवस पर उन्होंने चंदा बनाकर विधिवत मंत्रोचार से पूजन करेंगे और चन्दा उड़ाकर शहर के आमजनों से घर में रहने कि अपील चन्दा उड़ाकर करेंगे।
चंदा उड़ाने से नही फैल सकता कोरोना
हैप्पी व्यास परिवार के राहुल व्यास ने बताया पिछले साल प्रशासन द्वारा पंतग उड़ाने पर पांबदी लगाई गयी थी जबकि इस बार अभीतक कोई आदेश नही आया है। पंतग की माने तो पंतग कट कर दुसरों के हाथों मे जाने से संक्रमण फैलने की आशंका रहती है जबकि चंदा उड़ाने से कोई आंशका नही रहेती। चंदा उड़ाकर वापिस नीचे उतार लिया जाता है ऐसे में किसी ओर व्यक्ति के हाथ लगने की एवं कोरोना संक्रमण फैलने कि आशंका नही रहती है ।

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