


बीकानेर। जन प्रतिनिधि ब्यूरोके्रसी पर किस कदर हावी हो जाते है। अब तक आपने जनप्रतिनिधियों द्वारा अफसरों को लताड़ लगाते हुए देखा, सुना व पढ़ा होगा। क्या किसी आईएएस अधिकारी को कभी किसी मंत्री ने चलती सभा में बाहर का रास्ता दिखाया हो। शायद नहीं, किंतु यह सही है कि बीकानेर में मंत्री ने चलती सभा में बीकानेर जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल को बाहर निकल जाने को कहा। जैसे आदेश मिला हो। आदेश मिलने के साथ ही कलक्टर मंच पर अपने स्थान से उठ खड़े हुए और बाहर निकल गये। दरअसल, मामला राजीविका के स्वयं सहायता समूहों के संवाद का है। यह संवाद बीकानेर के रविन्द्र रंगमंच पर चल रहा था। संवाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंचायती राज मंत्री रमेश चंद्र मीणा का सम्बोधन चल रहा था। इसी दौरान मंच पर बैठें कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल फोन चला रहे थे। तभी अचानक मंत्री ने माइक पर ही उनको फटकार लगानी शुरू कर दी। मंत्री ने कलक्टर से कहा कि आपको बात सुनने का समय नहीं है, ब्यूरोक्रेट्स ज्यादा हावी हो रहे हैं क्या? मंत्री के दुर्व्यवहार पूर्ण शब्दों से कलक्टर उठने की तैयारी में थे, तभी मंत्री ने कहा जाइए उठकर चले जाइए। कलेक्टर बीच कार्यक्रम चले गए। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर जिले के कप्तान मानें जाते हैं। वे जिला मजिस्ट्रेट भी होते हैं। ऐसे में इतने सम्मान जनक पद पर बैठे व्यक्ति से भरी सभा में इस तरह का व्यवहार सवाल खड़े कर रहा है।