


बीकानेर। प्रदेश में तेजी से फैल रहे संक्रमण के दौरान सरकार जहां बार-बार पानी से हाथ धोने का संदेश दे रही है वहीं जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की ओर से जल संग्रहण का सिस्टम फैल हो चुका है। जिससे बार-बार हाथ धोना तो दूर की बात, पीने के पानी को लेकर भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में सरकार के संदेश को कैसे अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। यह कहना था शहर के पजाबगिरान के क्षेत्रवासियों का। जहां एक ओर आमजन कोरोना की मार झेल रहा है वहीं दूसरी ओर भीषण गर्मी में पानी किल्लत की समस्या भी इंसान को परेशानियों में डाल रही है। नहरबंदी के चलते शहर में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। शहर के लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस गए है। हमेशा की तरह शहर के लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस बार नहरबंदी में उनको इतना कष्ट व पीड़ा झेलने पड़ेगी और पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ जाएगा। इस मंदी के दौर में आमजन को निजी टैंकर मंगवाकर गुजारा करना पड़ रहा है। जिसमें टैंकर संचालक आमजन से मनमानी राशि वसूल रहे है। शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए बीछवाल व शोभासर जलाशय वही हैं। इन जलाशयों में पानी के भण्डारण की क्षमता भी वही है जो कि पिछले बार नहरबंदी के दौरान थी। शहर से लेकर बाहरी क्षेत्र में पेयजल किल्लत बरकरार है।
टैंकरों से सप्लाई कर रहा है विभाग
बीकानेर में पेयजल किल्लत के चलते शहर के हर गली नुक्कड़ चौराहे पर पानी के टैंकर या पानी लेने के लिए जाते हुए लोग नजर आएंगे। विभाग टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है जिस क्षेत्र में पानी के टैंकर पहुंच रहे हैं उन क्षेत्रों में पानी की किल्लत का असर देखने को मिल रहा है युवा वृद्ध छोटे बड़े बच्चे सभी पानी के बर्तन हाथ में लिए हुए पानी भरने के लिए पहुंच जाते हैं।
अवैध कनेक्शनों व बूस्टरों की भरमार
पानी के कम दबाव के चलते बहुत थोड़े समय में मिल रहा पानी पूरा नहीं पड़ रहा हैं। ऐसे में पेयजल आपूर्ति के समय घरों में बूस्टर व मोटरों की आवाज का शोरगुल सुनाई पड़ रहा है। वही विभाग की ओर से थोड़ी सख्ती की है। जिसके चलते जिस क्षेत्र में आपूर्ति हो रही है। उस क्षेत्र में बिजली बंद कर दी जाती है। ऐसे में लोगों ने उसका भी विकल्प ढूंढ निकाला है। जिसके चलते इन दिनों पानी के अवैध कनेक्शनों की भरमार नजर आ रही है। हर गली-मोहल्ले में पानी के अवैध कनेक्शन हो रहे हैं। जिससे विभाग बेखबर है। उसका खमियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।