






-अनिल रावत-
बीकानेर। लॉकडाउन जब से लगा है तब से किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। कई शादियां रद्द हो गई है तो कुछ लोगाों ने अनुमति लेकर विवाह तो कर लिया लेकिन अपने आधे परिजनों को शामिल नहीं करवा सके। फिलहाल एक विवाह-आयोजन के लिए अधिकतम 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी जा रही है। इसमें दूल्हे पक्ष के 25 और दूल्हन पक्ष के भी इतने ही लोग शामिल हो सकते हैं। यह सिलसिला अभी थमने वाला भी नहीं है। अगले साल मई-जून तक शादी समारोह या अन्य मांगलिक कार्य के लिए अधिकतम 50 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति देने का प्रावधान जारी रहेगा। सरकार चाहे तो इसमें भी कमी कर सकती है। महाराष्ट्र में पहले अधिकतम 60 लोगों को अनुमति दी जा रही थी जिसे अभी घटाकर 40 कर दिया गया है। पंडित, हलवाई, ड्राइवर, वेटर, फोटोग्राफर इसमें श् ाामिल है।
सितम्बर-अक्टूबर में प्रकोप रहेगा चरम पर
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट, विभिन्न एजेन्सियों का सर्वे औ स्वास्थ्य विशेषज्ञों के आकलन के अनुसार भारत में जुलाई से सितम्बर-अक्टूबर तक कोरोना वायरस का प्रकोप चरम पर होगा, इसके बाद स्थितियां स्थिर रहेगी और अगले साल फरवरी मार्च से यह घटना शुरू हो सकता है। यदि कम्यूनिटी स्प्रेड हो गया तो भारत में यह अगले साल जुलाई तक भी कायम रह सकता है।
इन शर्तों पर मिलेगी अनुमति
इस साल. अक्षय तृतीया पर ग्रामीण अंचलों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र में भी शादी विवाह का सीजन फीका रहा। नाम मात्र के विवाह हुए। इसके बाद अभी भी लोग शादी करने से कतरा रहे हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से दोनों तरफ के मेहमानों को मिलाकर 25-25 लोगों की अनुमति दी जा रही है। दंड प्रकिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144 (1) के तहत जिले में सार्वजनिक स्थानों में वैवाहिक तथा अन्य आयोजन को प्रतिबंधित किया गया है. वर्तमान में वैवाहिक मुहूर्त को दृष्टिगत रखते हुए सभी अनुभाग क्षेत्रान्तर्गत आवेदकों द्वारा विवाह की अनुमति के लिए आवेदन किए जाने पर ही सशर्त अनुमति दिए जाने के लिए सभी एसडीएम को अधिकृत किया है। ये षर्तें निम्न हैंः-
-लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
-कोविड -19 नोवल कोरोना वायरस से संक्रमण के फैलाव की रोकथाम के ीलए निषेधाज्ञा का पालन करना होगा।
-विवाह समारोह में अधिकतम 50 लोग ही भाग ले सकेंगे जिसमें बाराती व घराती की संख्या शामिल है।
-विवाह के दौरान सोशियल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 1 मीटर की दूरी बनाकर कायम रखी जाएगी।
-विवाह में भाग लेने वाले सभी अनुमत लोग चेहरे पर मास्क लगाकर रखेंगे।
-विवाह स्थल पर निरंतर अंतराल पर सभी लोगों के हाथ धोने के लिए पानी, साबुन, की व्यवस्था की जाएगी।
– विवाह स्थल पर सैनिटाइजर भी रखा जाएगा।
-खाना बनाने के काम आने वाले छोटे-बड़े सभी बर्तनों, रसोई की दीवारों, दरवाजों को सैनिटाइज किया जाएगा।
-विवाह के दौरान षुद्ध और हाईजीनिक खाना परोसा जाएगा।
– दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर निकासी या ढुकाव नहीं किया जाएगा।
– डीजे, लाउड स्पीकर, डीजे, वाद्य यंत्र, बैंड-बाजा आदि नहीं बजाया जाएगा।
-विवाह के दौरान आतिशबाजी नहीं की जाएगी।
-बिना अनुमति के वाहनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा।
-न निमंत्रण पत्र प्रकाशित करवाए जा सकते हैं, न इनका वितरण और न ही पीले चावलों का वितरण किया जाएगा।
-घर के बाहर निर्मित मिठाई या अन्य खाद्य पदार्थों का प्रयोग किया जाएगा।
-विवाह के दौरान कोई भी षराब, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम, तम्बाखू, गुटखा, भांग आदि का न शा किया जा सकेगा।
-शादी के दौरान किसी भी वाहन पर किसी भी प्रकार की सजावट, पोस्टर, पैम्पलेट आदि का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।
-विवाह के दौरान किसी भी प्रकार का सामूहिक आयोजन, सामूहिक भोज आदि के कार्यक्रम नहीं किए जा सकेंगे।
-अपने निवास स्थान व अपने शहर के अतिरिक्त बाहर के किसी भी रिश्तेदार को शादी में आमंाित्रत नहीं करूंगा।
-विवाह के दौरान होने वाले स्टेज कार्यक्रम, नृत्य कार्यक्रम आदि के आयोजन नहीं होंगे।
-विवाह समारोह स्थल पर टैन्ट नहीं लगाए जा सकेंगे और न ही डेकोरेशन किया जा सकेगा।
-सभी कार्यक्रम सादे समारोह में आयोजित किए जाएंगे।