अचानक ऐसा क्या हो गया कि जेलकार्मिकों ने विरोध जताया

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बीकानेर। पुलिस और जेल विभाग कर्मचारियों में वेतन विसंगति को लेकर जेल कार्मिकों का विरोध एक बार फिर शुरू हो गया है। इसके चलते मंगलवार को प्रदेशव्यापी आव्हान पर बीकानेर सेेंट्रल जेल कार्मिकों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज करवाया। जेल कार्मिकों ने विरोध जताते हुए कहा कि सात दिनों तक काली पट्टी बांधकर ड्यूटी करते हुए सभी कार्मिक अपना विरोध करेंगे। अगर इसके बावजूद भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो भूख हड़ताल कर अपना काम करते हुए विरोध जाहिर करेंगे। सांकेतिक विरोध के दौरान बीकानेर जेल में जेल प्रहरी से लेकर जेलर तक सभी ड्यूटी पर रहकर हाथों पर काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं। सात दिन तक चलने वाले इस प्रदर्शन के बाद भी अगर सरकार मांगे पूरी नहीं करती हैं तो उसके बाद आगे की कार्यकारिणी तय होगी। इससे पहले सुबह सेंट्रल जेल में जेल कार्मिकों ने इक_ा होकर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जाहिर किया। उन्होने कहा कि पुलिस और जेल विभाग के कर्मचारियों में वेतन विसंगति के साथ-साथ कार्मिकों को मिलने वाले भत्ते व अन्य सुविधाओं में भी अंतर है। पदोन्नति को लेकर भी कई बिंदुओं पर आपत्ति है। जनवरी में हुए आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करके जल्द मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था, इसके प्रस्ताव बनाकर जब वित्त विभाग को भेजा तो पहली बार में उसे निरस्त कर दिया गया । दोबारा भेजा गया प्रस्ताव आज तक लंबित है। इसलिये किया जा रहा विरोध जेल कार्मिकों ने कहा कि 1998 से पहले राजस्थान पुलिस और जेल कार्मिकों का वेतन समान होता था। कुछ दिनों पहले गृह सचिव का बयान जारी हुआ था कि राजस्थान के जेल कार्मिकों के लिए दिल्ली मॉडल जारी कर दिया जाएगा। महाराष्ट्र, एमपी और यूपी में लगभग सभी राज्यों में पुलिस और जेल कार्मिकों का वेतन और भत्ता समान है, लेकिन राजस्थान के जेल कार्मिकों का नहीं है, इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है।

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