अस्पताल की लापरवाही फिर आई सामने, गलत इंजेक्शन लगाने से गर्भवती महिला की मौत

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सादुलपुर। गांव रामपुरा में कथित रूप से गलत इंजेक्शन लगाने से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। मामले की जानकारी लगने पर शनिवार को पूरे गांव में आक्रोश फैल गया तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुरा के सामने गर्भवती के शव को रखकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को ताला जड़ दिया। साथ ही पीएचसी के पूरे स्टाफ को निलंबित करने की मांग कर विरोध प्रदर्शन किया। घटना की सूचना मिलते ही गांव में अस्पताल के सामने लोगों की भीड़ हो गई तथा मौके पर जिला कलक्टर एवं सीएमएचओ को बुलाने की मांग की। लेकिन शाम तक उच्च अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। खण्ड मुख्य चिकित्साधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में डॉ.मनोज तथा बीपीएम धर्मपाल मूंड तथा सिधमुख नायब तहसीलदार रूपाराम पूनिया तथा हमीरवास थानाधिकारी सुभाषचंद्र मय पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे। मांगों को लेकर ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने धरने पर बैठे रहे। हालांकि दोपहर बाद शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम हो गया। लेकिन परिजन एवं ग्रामीणों ने मृतक परिवार को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता एवं पीएचसी में तैनात स्टाफ को निलंबित करने की मांग पूरी नहीं होने के कारण शव लेने से इन्कार कर दिया। । मेडिकल टीम की लापरवाही पूर्व सरंपच अमित मीणा एवं गांव के प्रमुख लोगों ने बताया कि गांव के राजकुमार मीणा की गर्भवती पत्नी रचना (25) की मौत चिकित्सक एवं मेडिकल टीम की लापरवाही से हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि नौ अक्टूबर को दोपहर 11 बजे लगभग रचना को रामपुरा में स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया गया। दोपहर डेढ़ बजे लगभग रचना की तबीयत खराब हो गई एवं मुंह से खून की उल्टियां शुरू हो गईं। बाद में उसकी मृत्यु हो गई। दो बच्चों की मां थी मृतका रचना के एक पुत्र व एक पुत्री है तथा यह तीसरी डिलीवरी होनी थी। घटना के बाद मृतका के घर में कोहराम मच गया तथा गांव में शोक की लहर छा गई। शनिवार को गांव में चूल्हे तक नहीं जले। समूचा गांव दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने, दोषी चिकित्सक एवं स्टाफ को निलंबित करने, मृतक परिवार को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने, 104 एंबुलेंस की जगह 108 एंबुलेंस लगाई जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
चूरू पहुंचने से पहले टूटी सांसें
हमीरवास थानाधिकारी सुभाषचंद्र ने बताया कि रामपुरा निवासी जगदीश मीणा ने मामला दर्ज करवाकर बताया कि नौ अक्टूबर को उसके भाई राजेन्द्र की गर्भवती पत्नी रचना जांच के लिए अस्पताल लेकर गए। अस्पताल में डॉक्टर ने तबीयत ठीक बताई, जिसके बाद उसे वापस घर ले आए। लेकिन थोड़ी ही देर बाद प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिस पर वापस अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में मौजूद डॉ.भीम ने कहा कि स्थिति सामान्य है तथा डिलीवरी हो जाएगी। लेकिन रचना दर्द से तड़पती रही। इस पर डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया। उसके थोड़ी ही देर बाद रचना की तबीयत बिगड़ गई तथा मुंह और कानों से खून आने लगा। यह स्थिति देखकर डॉ.भीम ने अस्पताल छोड़कर भागने का प्रयास किया। लेकिन उसे रोककर उपचार की बात कही, तो उसने रचना को सादुलपुर रैफर कर दिया। इस पर एंबुलेंस की मांग की गई, तो डॉक्टर ने मना कर दिया एवं बिगड़ी हुई हालात को देखते हुए एक निजी वाहन से रचना को सादुलपुर लेकर पहुंचे। यहां से चिकित्सकों ने गंभीर हालत देखते हुए चूरू रैफर कर दिया। लेकिन चूरू पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नहीं बनी सहमति रामपुरा में गर्भवती महिला की मौत मामले में शनिवार देर शाम तक ग्रामीणों ने शव नहीं लिया है तथा मांगों के समर्थन में बाजार भी बंद हो गए हैं। देर शाम को एसडीएम पंकज गढ़वाल भी मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों से वार्ता की। लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई।

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