


जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के 15 विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र हल करने के लिए तीन घंटे के स्थान पर डेढ़ से दो घंटे का समय मिलेगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में राजस्थान विवि सहित प्रदेश के सभी 15 विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर निर्देश जारी किए हैं, जिससे कोविड 19 के दौर में छात्र हित को देखते हुए परीक्षा जल्द से जल्द समाप्त करवाई जा सके। उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि छात्र हित को देखते हुए परीक्षा की अवधि तीन घंटे के स्थान पर डेढ़ या दो घंटे की जा सकती है। साथ ही इस अवधि को ध्यान में रखते हुए इसी अनुपात में प्रश्नपत्र तैयार करवाने को भी कहा हैए जिससे परीक्षार्थी समय से इन्हें हल कर सकें। इसके साथ ही विभाग ने प्रश्नपत्र में हर सेक्शन से प्रश्नपत्र हल करने की बाध्यता भी समाप्त करने की बात कही है। इतना ही नहीं सभी परीक्षा परिणाम नवंबर तक जारी करने होंगे। नवंबर तक जारी करना होगा परिणाम उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देश के मुताबिक परीक्षाओं के परिणाम जल्द से जल्द जारी किए जाएंगे। जिससे विद्यार्थियों के करियर को कोई नुकसान नहीं हो। विभाग ने नवंबर तक सभी परिणाम जारी किए जाने के निर्देश दिए हैं। जिससे विद्यार्थी समय पर उच्च कक्षाओं में एडमिशन ले सकें और रोजगार प्राप्त कर सकें। इनकी होगी विशेष परीक्षा ऐसे परीक्षार्थी जो कोविड 19 के कारण कोरोना संक्रमित विद्यार्थियोंच कंटेन्मेंट जोन के विद्यार्थियों और राज्य से बाहर गए हुए विद्यार्थियों जो परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते उनके लिए स्थिति सामान्य होने पर विशेष परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा। जिससे कोई भी प्रभावित विद्यार्थी परीक्षा से वंचित नहीं हो। प्रायोगिक परीक्षा विश्वविद्यालय की ओर से नियुक्त परीक्षक द्वारा परीक्षार्थियों के प्रायोगिक रिकॉर्ड के आधार पर पूरी करवाई जाएगी। इसके लिए परीक्षार्थी को कॉलेज या विश्वविद्यालय में नहीं बुलाया जाएगा। कोविड 19 की गाइडलाइन की करनी होगी पालना कोविड 19 को देखते हुए सभी विश्वविद्यालयों को केंद्र सरकारच राज्य सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी कर गई गाइडलाइन की पालना करनी होगी। मास्कए सेनेटाइजर का उपयोगच सामाजिक दूरी और परीक्षा केंद्र को सेनेटाइज करना आदि की पालना किए जाने के निर्देश दिए हैं। विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यूजीसी के निर्देश और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष और सेमेस्टर की परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरी करवाई जानी हैं। ऐसे में यदि कोई विश्वविद्यालय के समय की कमी और शेष रहे पेपर्स की संख्या में अधिक हो और उसके लिए परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरी करवाना संभव नहीं हो तो वह उच्च शिक्षा विभाग को अवगत करवाए कि परीक्षाएं कब करवा सकते हैं। इसके साथ ही परीक्षा तिथि आगे बढ़वाने के विस्तृत कार्यक्रम के साथ इस संबंध में प्रस्ताव विभाग को भिजवाएं, जिससे यूजीसी से इसके लिए अनुमति ली जा सके। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को सितंबर के तीसरे सप्ताह तक परीक्षा करवाने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा की तैयारी में जुट गया है