


बीकानेर। कोरोना महामारी में पीबीएम से लगातार अव्यवस्थाएं सामने आ रही है। इन अव्यवस्थाओं के चलते कोरोना संक्रमित दम तोड़ रहे है। एक ताजा मामला आज उस वक्त सामने आया जब पीबीएम की अव्यवस्थाओं से हारे एक शख्स ने जिला कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन सौंपा और दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। मुक्ताप्रसाद निवासी सुधीर जैन ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया कि मेरे पिताजी को निमोनिया होने एवं कोविड-19 के भय की वजह से झुंझुनूं से 11 सितंबर को बीकानेर पीबीएम अस्पताल के डी वार्ड में एडमिट कराया गया था, जिनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई, जिसके बाद वे वेन्टीलेटर पर थे, पॉजीटिव आने के उपरांत मेरे पिताजी को कोरोना वार्ड के सुपर स्पेशलिटी सेंटर में शिफ्ट किया गया, सेंटर गये तब अस्पताल की 108 एम्बुलेंस में 1 घंटे तक उन्हें बैठाये रखा, जब मैंने पिताजी की स्थिति से सेंटर को अवगत कर बताया कि मरे पिताजी वर्तमान में वेंटीलेटर पर है उन्हें काफी तकलीफ हो रही है उन्हें जल्द शिफ्ट करने की कार्यवाही की जावे परंतु मेरी एक नहीं सुनी और मेरे पिता के साथ आपराधिक लापरवाही शुरू हो गई। जिसका वीडियो रिकॉर्डिंग बतौर साक्ष्य मेरे पास मौजूद है। जब एक घंटे के बाद मेरे पिताजी को कोरोना वार्ड के सुपर स्पेशलिटी सेंटर में शिफ्ट किया गया तो उनकी आपराधिक लापरवाही को देखते हुए मैं मेरे पिताजी के साथ तृतीय मंजिल पर साथ में गया, वहां मेरे पिताजी को वेंटीलेटर पर नहीं रखकर ऑक्सीजन पर रखा, तब मैंने सेंटर कर्मियों को दुबारा मेरे पिताजी की स्थिति बताते हुए अवगत कराया कि इन्हें वेंटीलेटर की सख्त आवश्यकता है तब सेंटर वालों ने मुझसे कहा कि आपके पिताजी की फाइल इधर-उधर गुम हो गई है जिसके कारण हमें दिक्कत हो रही है, इस दौरान मेरे पिताजी का ऑक्सीजन लेवल 50 तक पहुंच गया, इस दौरान मेरे पिता की फाइल व उनकी जांच रिपोर्ट ढूंढते-ढूंढते उन्होंने एक घंटे का समय लगा दिया, एक घंटे के उपरांत सेंटर वाले मेरे पास आये और कहा कि आपके पिता को उपर वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है उनकी फाइल मिल गई है अब आप जाओ, मैं व्हीलचेयर आदि देखकर नीचे आ गया, जिसका वीडियो बतौर साक्ष्य मेरे पास उपलब्ध है। उसी दिन रात्रि के समय मेरे पिताजी का कॉल आया कि यहां गर्मी बहुत है आईसीयू में मेरे बैड के पास कोई पंखा नहीं है तो मैंने घर से पंखा भेजा। 12 सितंबर को आईसीयू में कूलिंग प्लांट बंद था, मैंने सुबह तीनों अधीक्षक मोहम्मद सलीम को कॉल किया और पूछा तो उन्होंने सही-सही जवाब नहीं दिया जिसकी आडियो रिकॉर्ड मेरे पास है, जब मैं पिता के पास गया तो उनकी स्थिति अत्यधिक खराब हो चुकी थी तथा वह पसीने के कारण भीगे हुए थे, इस पर मैंने अस्पताल अधीक्षक मोहम्मद सलीम को मेरे पिताजी की स्थिति के बारे में बताकर आईसीयू में एसी बंद होनेक े बारे में अवगत कराया तो मोहम्मद सलीम ने एसी मैकेनिक को बुलाकत उक्त बंद पड़े आईसीयू के एसी को चालू करवाया। इस पर मैं अपने पिताजी की देखभाल व सार-संभाल हेतु स्वयं का शपथ पत्र देकर बतौर केयर टेकर अपने पिताजी के वार्ड में जाने का निश्चय किया, क्योंकि अस्पताल प्रशासन की ओर से काफी आपराधिक लापरवाही बरती जा रही थी, इस दौरान मुझे पता लगा कि यहां का ऑक्सीजन प्लांट सही तरह से काम नहीं कर रहा था और चौथी मंजिल पर ऑक्सीजन का प्रेशर सही नहीं पहुंचता है जिसकी वजह से काफी कोरोना मरीजों की मृत्यु हो रही है। और इसी लापरवाही के चलते मेरे पिताजी की मृत्यु हो गई। सुधीर जैन ने ज्ञापन में बताया कि अस्पताल प्रशासन की घोर आपराधिक लापरवाही और ऑक्सीजन प्लांट के फैलियर की वजह से उसके पिताजी ने उसके सामने तड़पते हुए अपने प्राण त्याग दिए और वह बेबस, लाचार होकर उन्हें मरते हुए देखता रहा। जैन ने बताया कि वह पीबीएम प्रशासन के सामने हार गया था, सभी जगह अपनी आवाज पहुंचायी पर प्रशासन व पीबीएम प्रशासन सभी सोये हुए थे।