पुखराज की कहानी सिंगापुर में प्रकाशित होना गौरव की बात

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बीकानेर। नगर में कोरोना काल में भी साहित्य सृजन जारी है। खासतौर से नगर के सृजनधर्मी अपनी रचनात्मक सक्रियता से नगर के साहित्य जगत को एक नया आयाम दे रहे हैं। इसी क्रम में नगर के होनहार युवा कवि कथाकार पुखराज सोलंकी की कहानी ‘समय का सदुपयोगÓ सिंगापुर की पहली हिन्दी त्रैमासिक पत्रिका सिंगापुर संगम में प्रकाशित होना नगर के साहित्य जगत के लिए गौरव की बात है। प्रज्ञालय संस्थान एवं बीकानेर साहित्य संस्कृति कला संगम की तरफ से आज पुखराज की इस कहानी पर ऑनलाइन चर्चा कवि कथाकार कमल रंगा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
चर्चा की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि-कथाकार कमल रंगा ने पुखराज को आशीर्वचन देते हुए कहा कि ये कहानी कोरोना काल का चित्रण करने में सफल रही है। कहानी मानवता के पक्ष को बखूबी उभारने में कामयाब है। कहानी का कथ्य समसामयिक है और कथाकार ने कथ्य को अच्छे ट्रीटमेंट के माध्यम से पाठकों तक पहुचाने का सफल प्रयास किया है।कला संगम के संस्थापक अध्यक्ष नौजवान शायर कहानीकार कासिम बीकानेरी ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि पुखराज तेजी से उभरते हुए एक ऐसे युवा रचनाकार हैं जिनकी साहित्यिक सक्रियता नगर के साहित्य जगत को एक नया आयाम दे रही है। ई चर्चा में भाग लेते हुए सोजत के शायर कथाकार अब्दुल समद राही ने कहा कि कि प्रस्तुत कहानी में पुखराज ने इंसान को इंसानियत का धर्म निभाने का संदेश दिया है। इन्दौर के सुधि पाठक नरेन्द्र आचार्य ने कहानी के बाबत कहा कि यह समय का सच है। इसी क्रम में बीकानेर से चर्चा मे भाग लेते हुए गिरीराज पारीक, डॉ फारूक चौहान एवं माजीद खां गौरी ने कहा कि कहानी का कद कोरोना से जुड़ा है जो पाठकों को कोरोना के संबंध में एक नई जानकारी और समझ देता है।चर्चा में भाग लेते हुए युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने कहा कि मानवीय वेदना संवेदना से रची बसी कहानी रूचिकर है तो संस्कृतिकर्मी शिवशंकर भादाणी ने कहानी से हमें कोरोना बाबत कई जानकारियां मिलती है और रोचकता भी बनी रही। कहानी चर्चा में भागीदारी करते हुए पुखराज सोलंकी ने कहा कि उनके साहित्यिक उत्थान में प्रज्ञालय संस्थान और बीकानेर साहित्य संस्कृति कला संगम संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा एवं शायर कासिम बीकानेरी हमेशा मुझे प्रोत्साहित करते रहते हैं। इनका प्रोत्साहन मुझे बेहतरीन साहित्य सृजन करने के लिए प्रेरित करता रहा है। पुखराज की रचनाएं इससे पहले अनेक अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं अंतर्राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर नगर के साहित्य जगत में खुशी का इजहार करते हुए पुखराज सोलंकी को अनेक लोगों ने दी। जिनमें प्रमुख है नंदकिशोर सोलंकी, हरिनारायण आचार्य, अशोक शर्मा, विक्रम सिंह,5मधुबाला शर्मा आदि। कहानी चर्चा का ई तकनीक से सफल संयोजन इंजि. आशीष रंगा ने किया।

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