


बीकानेर।आल इन्डिया न्यूजपेपर पब्लिशर एण्ड एडीटर एसोसियेशन की ओर से समाचार पत्रों के प्रकाशकों की एक बैठक रविवार को अंबेडकर सर्किल स्थित दैनिक लोकमत कार्यालय आयोजित हुई। बैठक में मीडिया खासकर प्रिंट मीडिया के सामने आ रही समस्याओं, चुनौतियों और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में मीडिया की विश्वसनीयता, सरकार व जनता के प्रति मीडिया की जिम्मेदारी तथा प्रिंट मीडिया के साथ, विशेषत: लघु व मध्यम श्रेणी के समाचार पत्रों के साथ,केन्द्र व राज्य सरकार के नकारात्मक रवैये सहित अनेक मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया गया। लोकतांत्रिक व्यवस्था में बड़े,मध्यम व लघु सभी प्रकार के समाचार-पत्रों का अपना महत्व है। देश की आजादी की लड़ाई में सभी प्रकार के समाचार पत्रों की भूमिका रही है। इलेक्ट्रोनिक मीडिया, सोशल मीडिया के इस युग में कोरोना काल में समाचार पत्रों की विश्वसनीयता अधिक सही साबित हुई है। पिछले सालों में केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा समाचार पत्रों के विज्ञापनों में कटौति की गई है और इलेक्ट्रोनिक माध्यमों को अधिक तरजीह दी गई है। कोरोना काल में केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा समाचार पत्रों के विज्ञापन या तो बिल्कुल बंद कर दिये गये हैं अथवा बहुत कम कर दिये गये हैं। ऐसे हालातों में समाचार पत्रों के सामने प्रकाशन जारी रखने का संकट गहराया हुआ है। इससे लाखों परिवार जो समाचार पत्रों में संपादक,संवाददाता,रिपोर्टर्स,मशीनमेन-हैल्पर्स, हॉकर्स व अन्य अनेक प्रकार से समाचार पत्रों से जुड़े हुए लोगों के परिवार हैं, उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो चुका है। आल इन्डिया न्यूज पेपर पब्लिशर एण्ड एडीटर एसोसियेशन की ओर से प्रधानमंत्री, केन्द्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री, राजस्थान के मुख्यमंत्री व सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सहित अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर लघु व मध्यम समाचार पत्रों को तरजीह देते हुए सभी समाचार-पत्रों को विशेष्ज्ञ पैकेज जारी करने, लघु व मध्यम समाचार पत्रों की समस्याओं को प्राथमिकता से निपटारा करने की मांग किये जाने का प्रस्ताव रखा जाकर सर्वस मति से निर्णय किया गया।