


बीकानेर।बीकानेर का ऐतिहासिक व प्राचीन श्री नागणेची जी मन्दिर लॉक डाउन के बाद हाल ही खुला हैं।सुबह-शाम सेंकडो दर्शनार्थी महिलाएँ-पुरुष,बच्चे माता के दर्शन के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मुहँ पर मास्क लगाकर पहुंचने लगे हैं।लेकिन मंदिर के प्रवेशद्वार के बिल्कुल आस-पास हमेशा पशुओं के जमावड़ा के कारण खतरा बना रहता हैं। पशुओं की लड़ाई में यहाँ कई बार बुजुर्ग लोग घायल हो चुके हैं।पशुओं की टक्कर से मन्दिर के बाहर खड़े वाहन के क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं तो अब आम हो गई हैं। प्रतिदिन एक न एक वाहन क्षतिग्रस्त होता हैं। इन पशुओं के जमावड़े का मुख्य कारण यहाँ मन्दिर की दीवार के सटते चारा डालना हैं। कुछ चारा बेचने वाले यहाँ बैठते हैं और उनसे चारा लेकर कुछ लोग धर्म के नाम पर यहाँ डाल देते है। जिससे आस-पास के पशु पालक अपने पालतू पशुओं को यहाँ छोड़ देते हैं।जो यहाँ हर समय मुख्य सड़क तक विचरण करते रहते हैं। चारा-गोबर चारो तरफ फैलने के कारण यहाँ मन्दिर के पास गन्दगी का ढेर लग जाता हैं।मंदिर परिसर के फुटपाथ पर कई मटके बेचने वाले,अस्थायी ठेले वालो ने यहाँ कब्जा जमा लिया हैं।इससे भी मन्दिर के आस-पास गन्दगी हो रही हैं और कोविड-19 के समय मच्छरों के फैलने से और बीमारियां फैल सकती हैं।तथा इससे मन्दिर की छवि भी धूमिल होती हैं। इस संदर्भ में बीकानेर सिटीजन एसोसिएशन ने जिला कलेक्टर,नगर निगम,देवस्थान विभाग को कई बार पत्र लिखकर अवगत कराया लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। एडवोकेट हनुमान शर्मा ने बताया कि वैसे ही यहाँ चारा बेचने वाले बैठ रहे है। पशुपालक पशुओं को खुला छोड़ रहे हैं। अस्थायी अतिक्रमण बढ़ रहे हैं।लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की आंखे नही खुलती।यदि कोई बड़ी दुर्घटना इस अव्यवस्था के कारण होती हैं तो इसके लिए नगर निगम व देवस्थान विभाग सहित पूरा प्रशासन जिम्मेदार होगा।