


नई दिल्ली। फर्जी कंपनियां बनाकर लाखों-करोड़ों रुपए की आइटीसी (इनपुट टैक्स के्रडिट) हथियाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इन पर लगाम कसने के लिए सीबीआइसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एडवाइजरी जारी करते हुए आधार और पैन कार्ड के इस्तेमाल में सतर्कता बरतने को कहा है। जनता से अपील की है कि बगैर वैध कारण के ये दस्तावेज किसी के भी साथ शेयर नहीं करें। इंदौर में फर्जी दस्तावेज के जरिए आइटीसी हासिल करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। जांच एजेंसियों को कार्रवाई के दौरान पता चल रहा है कि इन कंपनियों को बनाने में ऐसे लोगों के दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया जो सीधे तौर पर इनसे जुड़े ही नहीं हैं। ज्यादातर मामलों में नौकर, ड्राइवर और अन्य परिचितों के दस्तावेज उपयोग किए गए हैं। बीते माह ही वाणिज्यिक कर विभाग ने 315 करोड़ रुपए का जीएसटी फर्जीवाड़ा उजागर किया। स्टेट जीएसटी एंटी ईवेजन ब्यूरो इंदौर-ए ने डाटा एनालिसिस कर बोगस फर्मों की सप्लाई चेन को उजागर किया गया, जो करोड़ों रुपए का बोगस टर्नओवर कर रहे थे। हैरानी की बात थी कि जिन संस्थानों पर छापे मारे गए उनमें से ज्यादातर सिर्फ कागजों पर ही चल रही थीं। एक फर्म ऑटो ड्राइवर और एक फर्म नौकर के नाम मिली। लंबे समय से करोड़ों का लेन-देन चल रहा था।