


भोपाल। मध्य प्रदेश में अपने तरह के पहले मामले में गृह विभाग ने एक महिला कॉन्स्टेबल को उसका जेंडर बदलकर पुरुष बनने की मंजूरी दे दी है। प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है, जिसमें किसी पुलिस कॉन्स्टेबल को लिंग परिवर्तन की अनुमति दी गई है। इस महिला कांस्टेबल का कहना है कि उसका शरीर उसके स्वभाव से मेल नहीं खाता है। इस कारण उसे कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। मध्य प्रदेश गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर राजेश राजौरा ने बताया कि जिले में पदस्थ एक महिला कॉन्स्टेबल लंबे समय से पुरुषों की भांति काम कर रही है। महिला कॉन्स्टेबल को बचपन से जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर की समस्या थी, जिसकी पुष्टि राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सक़ों द्वारा विभाग को की गई। महिला कॉन्स्टेबल ने पुलिस मुख्यालय को साल 2019 में लिंग परिवर्तन कराने के लिए आवेदन भेजा था, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय द्वारा गृह विभाग से अनुमति हेतु मार्गदर्शन चाहा गया।
गृह विभाग ने विधि विभाग से परामर्श के बाद आखिरकार 1 दिसंबर 2021 को पुलिस मुख्यालय को महिला कॉन्स्टेबल को लिंग परिवर्तन की अनुमति प्रदान करने के निर्देश दे दिए। लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद महिला की पहचान पुरुष कांस्टेबल के रूप में होगी। अपर मुख्य सचिव गृह डॉक्टर राजेश राजौरा के मुताबिक, यह मध्यप्रदेश का पहला मामला है जिसमें राज्य शासन द्वारा जेंडर चेंज की अनुमति दी गई है। साथ ही कहा गया कि भारतीय नागरिक को उसके धर्म/जाति पर ध्यान दिए बिना अपने लिंग का चुनाव करने की स्वतंत्रता है। इससे पहले महाराष्ट्र के बीड की 29 वर्षीय महिला कॉन्स्टेबल ने भी लिंग परिवर्तन की अनुमति मांगी थी। वह देश का पहला मामला था। तमाम कानूनी अड़चनों के बाद उसे भी मंजूरी मिल गई थी।