


नई दिल्ली। मरीजों के लिए बड़ी राहत की खबर है। देशभर में केंद्र सरकार ने 651 तरह की दवाइयों के दाम घटाए गए है। दवाइयों की कीमत में औसतन 6.73 फीसदी तक कमी आई है। दवाओं के नए रेट एक अप्रेल से लागू कर दिए गए है। केंद्र सरकार इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर चुकी है।
जानकारों का मानना है कि पहली बार एक साथ 900 दवाइयों के दाम में बदलाव किया गया है। यह मरीजों के लिए बड़ी राहत है। इससे दवा का खर्च काफी कम हो जाएगा।
दवाइयों की रेट में कमी आने के बाद कंपनियां पुराने बैच वाली दवाइयों की दर को घटा कर बाजार में भेज रही है। रि-प्राइसिंग में दाम घटाए जा रहे है। कंपनियां पुरानी दर को इरेज करते हुए नई रेट प्रिंट कर रही है। ब्रांडेड दवाइयों में ऐसी दवाओं के दाम घटाए गए है जिनकी खपत बाजार में सर्वाधिक है। इसमें ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट के अलावा मानसिक रोग के उपचार में काम ली जाने वाली दवाइयां शामिल है। ऐसे रोगों की दवाइयां लम्बे समय तक चलती है। कई दवाइयां रोगों के नियंत्रण में काम आती है, इसके चलते ऐसी दवाइयों की बिक्री सबसे अधिक होती है। इस प्रकार की दवाइयों की रेट में 7 से 10 फीसदी तक कमी हुई है।
रेट कम करने के बाद भी अभी तक सभी दवाइयां दुकानों तक नहीं पहुंची है। मेडिकल स्टोर्स पर कुछ दवाइयां नई रेट की आ गई है। लेकिन अभी भी काफी दवाइयां पुरानी रेट की भी है। दवा विक्रेता बताते हैं कि वह तो एमआरपी के हिसाब से ही बेचते हैं। कंपनियां जो रेट निर्धारित करती है, उसी के अनुसार ग्राहक को देते है। नई रेट की दवाइयां धीरे-धीरे बाजार में आ रही है। जिसमें रेट कम आई है।
जानकारों का मानना है कि पहली बार एक साथ 900 दवाइयों के दाम में बदलाव किया गया है। यह मरीजों के लिए बड़ी राहत है। इससे दवा का खर्च काफी कम हो जाएगा।
दवाइयों की रेट में कमी आने के बाद कंपनियां पुराने बैच वाली दवाइयों की दर को घटा कर बाजार में भेज रही है। रि-प्राइसिंग में दाम घटाए जा रहे है। कंपनियां पुरानी दर को इरेज करते हुए नई रेट प्रिंट कर रही है। ब्रांडेड दवाइयों में ऐसी दवाओं के दाम घटाए गए है जिनकी खपत बाजार में सर्वाधिक है। इसमें ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट के अलावा मानसिक रोग के उपचार में काम ली जाने वाली दवाइयां शामिल है। ऐसे रोगों की दवाइयां लम्बे समय तक चलती है। कई दवाइयां रोगों के नियंत्रण में काम आती है, इसके चलते ऐसी दवाइयों की बिक्री सबसे अधिक होती है। इस प्रकार की दवाइयों की रेट में 7 से 10 फीसदी तक कमी हुई है।
रेट कम करने के बाद भी अभी तक सभी दवाइयां दुकानों तक नहीं पहुंची है। मेडिकल स्टोर्स पर कुछ दवाइयां नई रेट की आ गई है। लेकिन अभी भी काफी दवाइयां पुरानी रेट की भी है। दवा विक्रेता बताते हैं कि वह तो एमआरपी के हिसाब से ही बेचते हैं। कंपनियां जो रेट निर्धारित करती है, उसी के अनुसार ग्राहक को देते है। नई रेट की दवाइयां धीरे-धीरे बाजार में आ रही है। जिसमें रेट कम आई है।