


नई दिल्ली। देशभर के वाहनों के लिए लागू किया गया फास्टैग सिस्टम भी अब बंद होने वाला है। कुछ समय बाद फास्टैग की जगह वाहनों से टोल टैक्स की वसूली जीपीएस सिस्टम (सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम) से होगी। इसका पायलट प्रोजेक्ट भी चल रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार जर्मनी और रूस में सैटेलाइट सिस्टम से वसूली हो रही है। यह सिस्टम वहां काफी सफल भी है। इस सिस्टम के जरिये गाड़ी हाईवे पर जितने किमी चलती है, उसके हिसाब से टोल की राशि लगती है। यूरोपीय देशों में इस फॉर्मूले को सफल होता देख भारत में भी लागू किए जाने पर विचार विमर्श जारी है। अभी भारत में 60 किमी के अंदर एक से अधिक टोल प्लाजा बने हैं, ऐसे में यहां किसी के हिसाब से टोल वसूली का सिस्टम नहीं है। 2020 में सरकार ने दिल्ली-मुंबई कमर्शियल कॉरिडोर में इसका प्रयोग ट्रकों में शुरू किया था। यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो देशभर के सारे टोल प्लाजा खत्म कर दिए जाएंगे और इसी सिस्टम के जरिये वसूली की जाएगी। इसकी कीमत भी कम आएगी और मैनपावर भी नहीं लगेगी।