


नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार आम आदमी को एक बार फिर राहत देने की तैयारी में है। पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत को कम करने के लिए सरकार नया प्लान तैयार कर रही है। बता दें कि दुनियाभर में कच्चे तेल की आसमान छूती कीमतों से कई देश अपने स्तर पर इस समस्या से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। भारत भी कच्चे तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तर्ज पर अपने रणनीतिक तेल भंडार से कच्चे तेल निकालने की संभावनाओं पर गौर कर रहा है। बता दें कि पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच मोदी सरकार ने दिवाली के मौके पर आम लोगों को बड़ी राहत दी थी। तब सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है। भारत कच्चे तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ तालमेल बिठाकर अपने रणनीतिक तेल भंडार से 50 लाख बैरल तेल की निकासी की योजना बना रहा है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि रणनीतिक भंडार से निकाले जाने वाले इस कच्चे तेल को मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड को बेचा जाएगा। ये दोनों सरकारी तेल शोधन इकाइयां रणनीतिक तेल भंडार से पाइपलाइन के जरिये जुड़ी हुई हैं।
जल्द होगी औपचारिक घोषणा
इस अधिकारी ने कहा कि इस बारे में औपचारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सात दस दिनों में तेल निकासी की यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पडऩे पर भारत अपने रणनीतिक भंडार से और कच्चे तेल की निकासी का फैसला ले सकता है। भारत ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में जारी तेजी के बीच अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर अपने आपातकालीन तेल भंडार से निकासी का मन बनाया है। भारत के पश्चिमी एवं पूर्वी दोनों तटों पर रणनीतिक तेल भंडार स्थित हैं। इनकी सम्मिलित भंडारण क्षमता करीब 3.8 करोड़ बैरल तेल की है।