


नई दिल्ली। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं। रेस्क्यू टीमें रैट होल माइनिंग और सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है। रेस्क्यू टीमों ने मजदूरों के परिजनों से उनके कपड़े और बैग तैयार रखने को कहा है। मजदूरों को निकालने के बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया जाएगा। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 52 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं। 57 मीटर दूरी तक पाइप डाले जाने हैं। उन्होंने बताया कि 10 मीटर तक मलबा खोदा जाना था। 4-5 मीटर खुदाई की जा चुकी है। पाइप भी डाले गए हैं। विशेषज्ञ मजदूरों की टीम रैट-होल खनन तकनीक का इस्तेमाल कर हाथ से मलबा हटा रही है। इसके बाद इसमें 800 मिमी व्यास वाले पाइप डाले जा रहे हैं।
मजदूर सुरंग में करीब 60 मीटर की दूरी पर फंसे हैं। ऑगर मशीन ने 48 मीटर तक ड्रिलिंग की थी। इसके बाद मशीन सुरंग में फंस गई थी। इसे काटकर बाहर निकाला गया। इसके बाद रैट माइनर्स ने मैन्युअल खुदाई शुरू की। सोमवार से अब तक चार-पांच मीटर तक खुदाई की जा चुकी है। ऐसे में अब 7-8 मीटर खुदाई ही बाकी मानी जा रही है। उधर, मैन्युअल हॉरिजेंटल ड्रिलिंग के लिए दो प्राइवेट कंपनियों की दो टीमों को लगाया है। एक टीम में 5 एक्सपर्ट हैं, जबकि दूसरी में 12 सदस्यों को कई टीमों में बांटा गया है। ये टीमें बचे हुए मलबे को बाहर निकालेंगी। इसके बाद 800 एमएम व्यास का पाइप डाला जाएगा। एनडीआरएफ की टीमें इसी के सहारे मजदूरों को बाहर निकालेंगी।
१२ नवम्बर से फसे है मजदूर
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सडक़’ (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सडक़) परियोजना का हिस्सा है। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए। इन्हें निकलने के लिए 16 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है। लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली।