


भीलवाड़ा। पिछले तीन-चार दिनों से देशभर में सोशल मीडिया पर वायरल हुए पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा के अगरतला के वीडियो के बाद आज फिर राजस्थान में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। हालांकि त्रिपुरा के अगरतला का मामला शांत हुआ नहीं कि फिर से शादी के दौरान बदलसूकी हुई है। जिससे दूल्हे के परिवार को बेईज्जत होना पड़ा है। भीलवाड़ा के एक परिवार के साथ बिंदौली (बारात) निकालने के दौरान पुलिस अफसरों ने परिवार से बदतमीजी की। दूल्हे को घोड़ी से उतार दिया और पिता को थाने में बुला लिया। जबकि यह शादी प्रशासन की अनुमति के साथ हो रही थी। बिंदौली निकालने के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पूरा पालन भी किया जा रहा था। परिवार का कसूर महज इतना था कि जिस वक्त बिंदोली निकल रही थी, उस वक्त इस इलाके में कलेक्टर और एसपी का दौरा था और उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। यह बात पुलिस अफसरों को नागवार गुजरी और उन्होंने बिंदौली से दूल्हे को उतार दिया और बैंडबाजे वालों को भगा दिया। इसके बाद बकायदा दूल्हे के पिता को गाड़ी में लेकर थाने तक भेजा गया। बाद में जब पुलिस को पता चला कि परिवार ने तो शादी की अनुमति ले रखी है तो अब बचने के लिए यह बहाना बना दिया कि शादी कैंपस में करने की अनुमति थी। उधर, कोई कह रहा था समय अधिक दे दिया। जबकि पुलिस और प्रशासनिक अफसर भूल गए कि न तो बिंदौली निकालने पर पाबंदी है और न समय की। इसके बावजूद ऐसा किया गया। इस दौरान पुलिस ने दूल्हे के पिता को गाड़ी में बैठाया और घोड़ीवाले को भी थाने बुलाया। हालांकि बाद में पुलिस ने इससे इनकार कर दिया। हालांकि, जब पता लगा कि परिवार के पास अनुमति है तो पुलिस पीछे खिसक गई। बाद में थाने से भी छोड़ दिया और घोड़ी को भी मुक्त कर दिया। दरअसल, एसपी और कलेक्टर शहर का दौरा करने के लिए निकले थे। नेहरू रोड पर रोडवेज बस स्टैंड के समीप व्यवस्थाओं का जायजा ले ही रहे थे कि आरसी व्यास कोलोनी निवासी शुभम कोगटा की शादी की बिंदौली वहां से गुजर रही थी। इस पर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए दूल्हे को घोड़ी से उतारकर घोड़ीवाले को थाने बुलाया। दूल्हे के पिता मुकेश कोगटा को भी सुभाष नगर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। अचानक हुई इस कार्रवाई से बिंदोली में शामिल लोगों में भी अफरा-तफरी मच गई।