


जोधपुर। बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण हत्या मामले में आरोपी पूर्व विधायक महिपाल मदेरणा को कैंसर की पुष्टि हुई है। इसके आधार पर महिपाल मदेरणा ने एससी-एसटी कोर्ट के समक्ष इलाज कराने के लिए 2 महीने की अंतरिम जमानत के लिए अर्जी पेश की। इस पर सुनवाई करते हुए स्ष्ट-स्ञ्ज कोर्ट के पीठासीन अधिकारी अणिमा दाधीच ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। मालूम हो कि 21 अगस्त को जोधपुर सेंट्रल जेल में महिपाल मदेरणा की जांच की गई थी। वे अस्वस्थ थे। इस पर जेल में स्थित डिस्पेंसरी के डॉक्टरों को शक हुआ तो उन्होंने मदेरणा की बायोप्सी करवाई जिसमें कैंसर होने की पुष्टि हुई है। अब महिपाल मदेरणा दिल्ली में एक्सपर्ट से अपना इलाज करवाना चाहते है। महिपाल मदेरणा की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में 2 महीने की अंतरिम जमानत की अर्जी पेश करते हुए बताया कि जेल प्रशासन द्वारा जांच में मदेरणा को कैंसर की पुष्टि हुई है। इसका इलाज वे दिल्ली में किसी एक्सपर्ट डॉक्टर से करवाना चाहते हैं, जिसके चलते उन्हें 2 महीने की अंतरिम जमानत दी जाए। इसका सीबीआई के अधिवक्ता ने किया कड़ा विरोध किया। सीबीआई के अधिवक्ता एसके शर्मा ने महिपाल मदेरणा की ओर से पेश की गई याचिका पर कड़ा विरोध जताते हुए कोर्ट को बताया कि प्रशासन की ओर से मदेरणा का इलाज करवाया जा रहा है। ऐसे में जब कोर्ट में मुलजिम के बयान चल रहे हैं और मामला महत्वपूर्ण पड़ाव पर है, ऐसे में जमानत दिया जाना ठीक नहीं। इससे केस प्रभावित हो सकता है। गौरतलब है कि 2 दिन पहले महिपाल मदेरणा को एम्स अस्पताल ले जाया गया था जहां उनकी बेटी वर्तमान ओसिया विधायक दिव्या मदेरणा भी साथ थी। 02 दिसम्बर 2011 को मदेरणा गिरफ्तार हुए थे। बता दें कि एक सितंबर 2011को बोरुंदा निवासी एएनएम भंवरी देवी का अपहरण हो गया था। 20 सितंबर 2011 को भंवरी के पति अमरचंद ने तत्कालीन जलदाय मंत्री परसराम मदेरणा के खिलाफ अपहरण एवं हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। दो दिसंबर 2011 को पुलिस ने मदेरणा को गिरफ्तार किया था. तभी से मदेरणा जेल में बंद हैं।