जमीन की हकदारी को लेकर विवादों से मिलेगा अब निपटारा, राज्य सरकार ने किया यह प्लान…

Disputes regarding land entitlement will now be settled, the state government did this plan...
Spread the love

जयपुर। राजस्व विभाग तेजी से डिजिटलाइजेशन की ओर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की तहसीलों को ऑनलाइन करने के बाद अब भूमि के डिजिटल सेटलमेंट की कवायद हो रही है। डिजिटल सेटलमेंट के जरिए प्रदेश भर में भूमि का फाइनल रिकॉर्ड तैयार होगा। प्रदेश की 12 तहसीलों में पायलट प्रोजक्ट के तौर पर यह काम शुरू भी हो चुका है। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के मुताबिक सेटेलाइट से मिली इमेज, रिकॉर्ड में उपलब्ध नक्शों और धरातल की स्थिति का मिलान कर यह फाइनल रिकॉर्ड तैयार होगा। इस तरह ये बिल्कुल एक्युरेट होगा जो लम्बे अरसे तक काम आएगा और इसमें कोई फेरबदल नहीं हो पाएगा। एक तरह से यह भूमि के फाइनल सेटलमेंट के रूप में होगा।
काश्तकारों को मिलेगा सुनवाई का मौका
अभी भूमि सम्बन्धी रिकॉर्ड मैनुअल रूप में उपलब्ध है। भूमि की हकदारी को लेकर विवाद भी बड़े स्तर पर है। इन विवादों के निपटारे में भी लम्बा वक्त लगता है जिसके चलते काश्तकारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब नए सिरे से सर्वे के जरिए नए सिरे से भूमि का रिकॉर्ड तैयार होगा जो फाइनल होगा। राजस्व मंत्री का कहना है कि सेटेलाइट से मिली इमेज, नक्शों की स्थिति और धरातल पर जमीन की स्थिति में अंतर होने पर काश्तकारों को सुनवाई का मौका दिया जाएगा और मामले के निस्तारण के बाद फाइनल स्टेटस रिकॉर्ड में दर्ज होगा। इस कार्य में समय जरुर लगेगा लेकिन आने वाले कई सालों तक के लिए समस्या हल हो जाएगी।
295 तहसील हो चुकीं ऑनलाइन
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का कहना है कि 12 तहसीलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम पूरा हो जाने के बाद पूरे प्रदेश में यह कार्य किया जाएगा। इससे पहले राजस्व विभाग तहसीलों को भी ऑनलाइन कर चुका है। प्रदेश की 340 में से करीब 295 तहसीलें ऑनलाइन हो चुकी हैं जिससे किसानों से जुड़े कई काम ऑनलाइन हो रहे हैं और उन्हें दफ्तरों के चक्कर लगाने से निजात मिली है। शेष 45 तहसीलों को ऑनलाइन करने का काम प्रक्रियाधीन है। काश्तकारों को अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

Load More Related Articles
Load More By alertbharat
Load More In राजस्थान
Comments are closed.