


जयपुर। कोरोना के घटते-बढ़ते केसेज के बीच क्या आगामी 30 जनवरी के बाद राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में स्कूल दोबारा खुलेंगे? इसे लेकर शिक्षा विभाग फिलहाल पशोपेश में है। कोरोना संक्रमण पर लगाम नहीं लग पाने के कारण विभाग चिंतित दिखाई दे रहा है। शिक्षा विभाग जिला कलेक्टर की रिपोर्ट, स्वास्थ्य विभाग और गृह विभाग से विचार-विमर्श करके ही इस संबंध निर्णय ले सकेगा। लेकिन दूसरी तरफ स्कूलों से जुड़े दो वर्ग अभी से पक्ष-विपक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं। इनमें स्कूल संचालक चाहते हैं कि स्कूल खुलें और अभिभावक किसी भी हाल में इसके लिये तैयार नहीं हैं। राज्य में कोरोना के बढ़ते खतरे और तीसरी लहर के चलते कई तरह की पाबंदियां लगी हुई हैं। राजस्थान में जारी गाइडलाइन के अनुसार 30 जनवरी तक शहरी क्षेत्रों के स्कूलों को बंद किया गया है। वीकेंड कफ्र्यू लागू है। इसके साथ ही कॉलेज और विश्वविद्यालय 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने और कोचिंग में 12वीं तक शिक्षण कार्य गाइडलाइन के अनुसार किए जाने के निर्देश हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुलें हैं। इस मामले को लेकर अभी तक शिक्षा विभाग का रुख स्पष्ट रूप से सामने नहीं आया है। शिक्षा मंत्री डॉ। बीडी कल्ला का कहना है कि इस बारे में अभी कुछ भी कह पाना मुश्किल है। कोरोना की स्थिति नियंत्रण में होने पर ही स्कूल खोलने में कोई ठोस फैसला लेने पर विभाग विचार करेगा। ग्रामीण इलाकों में यदि महामारी का संक्रमण फैलता है तो वहां भी स्कूल बंद किए जा सकते हैं। इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।
सीएम के दिशा निर्देशों के बाद ही होगा फैसला
शिक्षा मंत्री डॉ। बीडी कल्ला का कहना है कि विदेशों में तो अब कोरोना के साथ ही जीने की आदत डाली जा रही है। ऐसे में स्कूलों में ऑफलाइन पढ़ाई को लेकर भी कई तरह के तर्क सामने हैं। लेकिन राज्य में शिक्षा विभाग फिलहाल सीएम के दिशा निर्देशों के बाद ही इस मसले पर फैसला लेगा। बहरहाल देखना होगा कि कोरोना पर समीक्षा के बाद स्कूलों के मामले में सरकार क्या फैसला अमल में लाती है।