


जयपुर। राजस्थान में गहलोत सरकार पत्रकारों को रियायती दरों पर भूखंड आवंटित करने की योजना पर फिर से काम शुरू करने जा रही है। सीएम अशोक गहलोत ने पत्रकारों के लिए रियायती दरों पर भूखंड आवंटित करने के लिए योजना पर काम जारी रखने के निर्देश दिए हैं। सूचना जनसंपर्क विभाग और राजस्थान संवाद की बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने कई अहम फैसले किए हैं। सीएम ने न्यायिक विवाद के कारण नायला पत्रकार आवासीय योजना का विकल्प तलाशने और साल 2002 में शुरू की गई नीति के तहत पत्रकारों के लिए आवासीय योजना पर काम जारी रखने के निर्देश दिए हैं। जयपुर के पास नायला में पत्रकारों को रियायती दरों पर भूखंड देने की योजना का मामला कोर्ट में जाने के कारण अटक गया था। बैठक में सीएम ने पत्रकार कल्याण कोष से पत्रकारों को गम्भीर बीमारी में दी जाने वाली सहायता राशि को 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपय करने का फैसला किया है। साथ ही पहले केवल 6 गम्भीर बीमारियों पर ही सहायता राशि मिलती थी, अब इस सीमा को हटाते हुए सभी गम्भीर बीमारियों पर 2 लाख रुपए तक सहायता राशि देने का फैसला किया है। मेडिकल डायरी योजना के तहत अब सभी पत्रकार दवाई ले सकेंगे। अब तक मेडिकल डायरी की सुविधा केवल अधिस्वीकृत पत्रकारों को ही मिलती रही है। सीएम ने बैठक में सभी पत्रकारों को मेडिकल डायरी योजना का लाभ देने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि पत्रकारिता जन सरोकारों से जुड़ा सेवा का एक सशक्त माध्यम है। इसमें काम करने वाले लोगों के कल्याण की योजनाएं राज्य सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। सीएम ने बैठक में निर्देश दिए कि राजस्थान संवाद के उद्देश्यों में वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव करें, जिससे सरकार के निर्णयों और योजनाओं की जानकारी अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाई जा सके। उन्होंने राजस्थान संवाद को एक ऐसे इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया कि प्रचार-प्रसार के कार्यों की पहुंच गांव-ढाणी तक हो सके।