


जयपुर। राजस्थान में कोरोना के बढ़ते केसों के मद्देनजर गहलोत सरकार ने धारा 144 की अवधि एक महीने तक के लिए बढ़ा दी है। जिला कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में धारा 144 लगने लगाने की पॉवर मिल गई है। राज्य के गृह विभाग गु्रप- 9 ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। धारा 144 की अवधि 21 मार्च को समाप्त हो रही थी। प्रदेश में 22 मार्च से 21 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है। प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य के सभी जिला कलेक्टरों ने दंड प्रक्रिया संहिता अर्थात आईपीसी 1973 की धारा 144 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा लागू की थी। इसके बाद 21 नवम्बर 2020 को जयपुर जोधपुर पुलिस कमिश्नर को प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने की सलाह दी थी। आईपीसी 1973 की धारा 144 की उपधारा 4 में मौजूद प्रावधान के अनुसार जिला कलेक्टर 2 महीने तक ही धारा 144 लगा सकता है। इस वजह से राज्य सरकार निषेधाज्ञा की अवधि को बढ़ोत्तरी करती है।
अब 21 अप्रैल तक बढ़ाई अधिसूचना
अधिसूचना के अनुसार आईपीसी 1973 की धारा 144 की उपधारा 4 में मौजूद शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य सरकार ने धारा 144 की अवधि 22 मार्च से एक अप्रैल तक बढ़ा दी। इससे पहले राज्य में 21 मार्च तक निषेधाज्ञा अवधि बढ़ाई गई थी। राज्य में कोरोना संक्रमण से मानव जीवन एवं स्वास्थ्य की रक्षा के मद्दे नजर अवधि बढ़ाई गई है।
क्या है धारा 144
किसी तरह के सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधित खतरे या दंगे की आशंका हो। धारा 144 लागू होने के बाद इंटरनेट सेवाओं को भी आम पहुंच से ठप किया जा सकता है। यह धारा लागू होने के बाद उस इलाके में हथियारों के ले जाने पर भी पाबंदी होती है। 4 से अधिक व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित नहीं हो सकते। राज्य सरकार ने पिछले एक साल के दौरान धारा 144 की अवधि आठवीं बार बढ़ाई है।
6 महीने की हो सकती है जेल
अगर कोई व्यक्ति को धारा 144 का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है और दोषी ठहराया जाता है तो अधिनियम के तहत ज्यादा से ज्यादा छह महीने की जेल हो सकती है। अधिनियम के तहत धारा 144 के उल्लंघन से गिरफ्तारी के बाद में रिहा कराना पड़ता है।
फिलहाल लॉकडाउन नहीं, लेकिन प्रोटोकॉल की पालना सख्ती से करने के निर्देश
जयपुर। कोरोना संक्रमण की की रफ्तार को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं गोविंद प्रोटोकॉल की पालना शक्ति से करने की हिदायत दी है। हालांकि फिलहाल प्रदेश में लॉकडाउन लगाने की सरकार की मंशा नहीं है। गहलोत ने कहा कि आजीविका सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम सोशल डिस्टेसिंग, मास्क पहनने, हाथ धोने जैसे कोविड अनुशासन की आवश्यक रूप से पालना की जाए। अगर लोग लापरवाही करेंगे तो सरकार और भी सख्त कदम उठाएगी। गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीसी से धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जब कोरोना संक्रमण आया तो सभी वर्गों ने आगे बढ़कर इस चुनौती से सामना करने में सहयोग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कुछ दिनों में देश के कई राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से बड़ा है। राजस्थान में भी पॉजिटिव केस बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण दुनिया के कई देशों और भारत के कई शहरों में तो फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ा है। प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं बने। हमारी आजीविका सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम सोशल डिस्टेसिंग, मास्क पहनने आदि नियमों की पालना करें।