




जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने कोरोना रोगियों को होने वाली परेशानी को देखते हुए कुछ दिन पहले राज्य में दिवाली पर आतिशबाजी पर रोक लगा दी थी। कोरोना समीक्षा बैठक के बाद सीएम ने पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाने का फैसला किया था, क्योंकि पटाखों से निकलने वाले विषैले धुएं से कोविड संक्रमित रोगियों को नुकसान हो सकता है। हालांकि अब राजस्थान में किसी भी तरह के पटाखे बेचने वाले दुकानदार पर 10,000 रुपये और पटाखों का उपयोग करने या अनुमति देने वाले व्यक्ति को 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। आपको बता दें कि राज्य सरकार ने प्रदेश में 31 दिसंबर, 2020 तक पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सीएम गहलोत ने प्रदेश में पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाने के साथ बिना फिटनेस के धुआं उगलने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रदेशवासियों की जीवन की रक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है।
अस्थायी लाइसेन्स पर भी रोक
इसके अलावा सीएम ने कोरोना के साथ ‘नो मास्क-नो एंट्रीÓ और ‘शुद्ध के लिए युद्धÓ अभियान की समीक्षा की। सीएम गहलोत ने कहा कि आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं के कारण कोविड मरीजों के साथ ही हृदय और श्वास रोगियों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दिवाली पर लोग आतिशबाजी से बचें। उन्होंने पटाखों के विक्रय के अस्थायी लासेंस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि शादी और अन्य समारोह में भी आतिशबाजी को रोका जाए।
उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
सीएम ने निर्देश दिए कि प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। फिटनेस होने के बावजूद यदि वाहन निर्धारित मात्रा से अधिक धुआं छोड़ते पाया जाता है तो संबंधित फिटनेस सेंटर पर भी कार्रवाई हो। सीएम ने कहा कि प्रदेश में 2000 डॉक्टर्स की भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। परीक्षा परिणाम में चयनित चिकित्सकों को समस्त प्रक्रिया 10 दिन के भीतर पूरी कर जल्द नियुक्ति दी जाए। इससे कोरोना सहित अन्य रोगों के उपचार में मदद मिलेगी।