


जयपुर। राजस्थान में रजिस्ट्री से पहले व बाद में प्रॉपर्टी के वेरिफिकेशन का काम अब सब रजिस्ट्रार की जगह साइट इंस्पेक्टर करेंगे। इसके लिए पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग प्रदेश में 1700 से अधिक मौका निरीक्षकों को एम्पेनल (सूचीबद्ध) करेगा। 50 लाख से अधिक कीमत वाली सम्पत्तियों की रजिस्ट्री से पहले मौका निरीक्षण कर वेल्यूएशन रिपोर्ट ऑनलाइन जमा की जाएगी। इसके साथ ही 10 लाख से 50 लाख की कीमत वाली प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के बाद रेंडम आधार पर सत्यापन किया जाएगा। इसके एवज में मौका निरीक्षकों को प्रति प्रॉपर्टी के हिसाब से फीस का भुगतान किया जाएगा।
मौका निरीक्षकों के एम्पेलनमेंट के लिए विभाग ने आवेदन मांगे हैं। अगस्त तक मौका निरीक्षक नियुक्त कर दिए जाएंगे। प्रॉपर्टी का थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन होने से लोगों को सहूलियत मिलेगी। अभी कई बार 15-20 दिन का समय वेरिफिकेशन व रजिस्ट्री होने में लग जाता है। मौका निरीक्षकों को ऑनलाइन ऐप के माध्यम से वेरिफिकेशन का काम अलॉट किया जाएगा। जिसे उन्हें 24 घंटे के भीतर करना होगा। मौके से ही रिपोर्ट को ऑनलाइन भरना होगा। ऐसे में 20 दिन वाला काम 1-2 दिन में ही हो जाएगा।
जिलेवार यों नियुक्त होंगे साइट इंस्पेक्टर
जयपुर — 183
जोधपुुर — 99
अलवर — 87
उदयपुर — 84
अजमेर — 75
नागौर — 69
भरतपुर — 69
टोंक — 45
बांसवाड़ा — 36
डूंगरपुर — 36
प्रतापगढ़ — 24
बाड़मेर — 63
जैसलमेर — 36
धौलपुर — 33
करौली — 39
स. माधोपुर — 33
भीलवाड़ा — 84
चित्तौडग़ढ़ — 51
बीकानेर — 51
श्रीगंगागनर — 66
हनुमानगढ़ — 45
दौसा — 57
बारां — 39
बूंदी — 36
झालावाड़ — 39
कोटा — 36
जालोर — 36
पाली — 57
सिरोही — 27
चूरू — 39
झुंझुनूं — 45
सीकर — 48
राजसमंद — 45
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मौका निरीक्षक के तौर पर इन्हें करेंगे एम्पेनल
1. बैंक या फाइनेंस कम्पनी के एम्पेनल्ड वेल्युर (मूल्यांकनकत्र्ता)
2. नियमों के तहत रजिस्टर्ड एकल मूल्यांकनकर्ता
3. सिविल इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर या टाउन प्लानिंग में डिग्री या डिप्लोमाधारी
मौका निरीक्षकों की ये होगी फीस
सम्पत्ति का मूल्य – यदि सम्पत्ति पर निर्माण नहीं है – सम्पत्ति परनिर्माण है
50 लाख रुपए तक- 500 रुपए -1000 रुपए
50 लाख से अधिक पर- 1500 रुपए 2000 रुपए
10 करोड़ रुपए से कम
10 करोड़ रुपए से अधिक- 2500 रुपए- 3000 रुपए
साइट इंस्पेक्टर लगने से वेरिफिकेशन का काम समय पर हो सकेगा। साइट इंस्पेक्टर जो वेरिफिकेशन करेंगे, उनमें से कुछ का सत्यापन हमारी टीम भी रेंडम आधार पर करेगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
– अंशदीप, महानिरीक्षक, पंजीयन व मुद्रांक विभाग