


जयपुर। वैशाली नगर में आठ दिन पहले नेशनल हाईवे औथिरिटी आफ इंडिया के एडवाइजर की कंसलटेंट एडवाइजर आरके चावला के हाई प्रोफाइल मर्डर का खुलासा पुलिस ने किया है। पुलिस ने इस मामले में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ई-5 इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के एमडी करणदीप श्योराण सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डीसीपी ऋचा तोमर और दिगंत आनंद ने संयुक्त रूप से हत्याकांड के नौवें दिन ही इस हाई प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री को सुलझा लिया। उन्होंने बताया कि हिसार निवासी निदेशक करणदीप श्योराण, नवीन बिस्ला, विकास जाट व निदेशक के चचेरे भाई अमित नेहरा को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में शॉर्प शूटर समेत चार लोग अभी फरार हैं। इनकी तलाश के लिए संभावित ठिकानों पर दी जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कंपनी निदेशक करणदीप ने शूटरों को इस हाई प्रोफाइल मर्डर के हथियार उपलब्ध कराए थे। उसने कंपनी की साख बचाने के लिए पंद्रह लाख रुपए की सुपारी और हथियार देकर कंसलटेंट एजेंसी के एडवाइजर राजेंद्र कुमार चावला निवासी गुडग़ांव की हत्या करवा दी। पुलिस ने आठ दिन में जयपुर से गुडग़ांव तक टोल नाकों पर लगे 500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाले। सौ से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। सौ से ज्यादा लोगों की कॉल डिटेल खंगालने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया।
राजेंद्र ने डिजाइन को अपू्रव करने से किया था मना
कुछ समय बाद कंसलटेंट एजेंसी का कांन्ट्रेक्ट पूरा हुआ तो यूआरएस स्कॉट विल्सन आ गई। इसने प्रोजेक्ट इंजीनियर एडवाइजर के पद पर रिटायर्ड राजेंद्र चावला को नियुक्त किया। प्रोजेक्ट की फाइल राजेंद्र के पास पहुंची तो उन्होंने अप्रूव करने से मना कर दिया।करणदीप के दबाव बनाने के बावजूद राजेंद्र ने मना कर दिया। इससे करणदीप नाराज हो गया।
शूटरों को 26 अगस्त को आरके चावला को दिखाया था
जांच में सामने आया है कि 26 अगस्त को इंजीनियर विकास और नवीन गुडग़ांव से अपनी गाड़ी में अपने साथ 2 शूटर लेकर आये थे। जिन्हे एनएचएआई के ऑफिस के बाहर आर के चावला को दिखाया था। जिसके बाद शूटरों ने आर के चावला को गोली मारकर फरार हो गये। वारदात करने के बाद विकास और नवीन दोनों गुडग़ांव चले गये।
श्योराण के व्यवहार के चलते खुलवाई थी अलग कंपनी
हत्या के आरोप में पकड़े गए ई-5 इन्फ्रास्ट्रक्चर के एमडी करणदीप श्योराण के पिता राजेंद्र सिंह ने करीब 35 साल पहले दो भाइयों के साथ मिलकर कंस्ट्र्क्शन कंपनी शुरू की थी। करणदीप के व्यवहार को देखते हुए पिता ने वर्ष 2015 में ई-5 इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम से अलग कंपनी खुलवा दी, जिसका अभी साढ़े पांच हजार करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर है।