राजस्थान के छात्र यूके्रन में फंसे, फैमिली ने सरकार से मांगी मदद

Russia attacked Ukraine, fired missiles at the capital
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बाड़मेर। रूस और यूक्रेन के बीच पल-पल बदल रही परिस्थियों के बाद अब लोगों को अपनों की चिंता सताने लगी है। यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स की चिंता बढ़ गई है। भारत में मौजूद उनके परिजन लगातार सरकार से अपने बेटे-बेटियों को वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं। आलम यह है कि उनके परिजनों की आंखों के आंसू सूख नहीं पा रहे हैं। यूक्रेन में कई भारतीय स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। बाड़मेर शहर के दानजी की होदी के रहने वाले कल्याण ओझा के माता-पिता और दादी काफी चिंतित हैं। कल्याण यूक्रेन के कीव शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। यूक्रेन से वह भारत आना चाहता है लेकिन उसे वापसी का कोई तरीका समझ नहीं आ रहा है। ऐसे में परेशान उसकी दादी ने पोते को वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगाई है। महाबार के लालसिंह, बिस्सू कल्ला के करणसिंह,बायतु के जितेश कुमार व बाड़मेर शहर के स्वरूप सांखला भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। कल्याण के अलावा भी कई भारतीय है जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं। कल्याण ओझा 4 महीने पहले ही यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गया था, लेकिन रुस- यूक्रेन के बीच चल रहे हालातों के बीच परिजनों की चिंता बढ़ गई है। कल्याण के पिता बताते है कि रूस और यूक्रेन में जो चल रहा है इससे बच्चे घबरा रहें हैं, उन्हें पूरा विश्वास है कि सरकार उनके बच्चों के भारत आने का इंतजाम करवाएगी। यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध छिडऩे के बाद भारत सरकार की प्राथमिकता अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने की है। ऐसे में सुरक्षित घर लौटने के इंतजार में परिजनों की आंखों के आंसू सूखने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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