


जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर छाये सियासी संकट से निपटने के लिए एक बार फिर पूर्व पीसीसी चीफ एवं डिप्टी सीएम सचिन पायलट से सुलह की कोशिशें होती दिखाई दे रही हैं। कांग्रेस गहलोत सरकार को बचाने के लिये हरसंभव प्रयास कर रही है। बावजूद इसके कोई बात बनती नहीं दिख रही है और सरकार पर संकट लगातार गहराता जा रहा है। सरकार और संगठन से बगावत करने वाले सचिन पायलट से सुलह के लिए कांग्रेस आलाकमान अभी भी कोशिश कर रहा है। हालांकि, रविवार को जैसलमेर में विधायक दल की बैठक में पायलट कैम्प के लिए कांग्रेस के दरवाजा बंद करने के विधायकों और कुछ नेताओं के सुझाव के बावजूद कांग्रेस के कई नेता सुलह की कवायद में जुटे हैं। सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि बागी विधायक अगर फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के पक्ष में वोट करते हैं तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा।
सरकार को सुरक्षित करने की कवायद
रघुवीर मीणा के बयान को सुलह की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस कोशिश कर रही है कि 14 अगस्त से पहले किसी भी फॉर्मूले पर बात बन जाए और पायलट वापसी के लिए तैयार हो जाएं, ताकि फ्लोर टेस्ट से पहले ही सरकार को सुरक्षित किया जा सके। कांग्रेस की इस कोशिश की एक वजह बीएसपी के 6 विधायकों पर 11 तारीख को राजस्थान हाईकोर्ट से आने वाला संभावित फैसला भी है। अगर हाईकोर्ट बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय पर स्टे देता है तो सरकार को बचाना मुश्किल हो जाएगा।
कांग्रेस नेताओं के दावे और आशंकाएं
सरकार बचाने के लिए कांग्रेस नेता एड़ी से चोटी का जोर लगाये हुए हैं। हालांकि, गहलोत समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार कह रहे हैं कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। उनके पास पर्याप्त बहुमत है। बीजेपी की चाल सफल नहीं होगी। इसके बावजूद उन्हें आशंका के बादल दिखायी दे रहे हैं। लिहाजा, वे पुरजोर कोशिश करके विधानसभा-सत्र से पहले सभी तरह की आशंकाओं को से मुक्त होना चाहते हैं।