


जयपुर। राजस्थान में ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रकोप को लेकर अब राजस्थान सरकार की चिंता बढ़ चुकी है। इस महामारी के खतरे को भांपते हुए अन्य राज्यों की तर्ज पर गहलोत सरकार भी फिर से नई गाईडलाइन को लेकर विचार विमर्श करने लगी है। अंदेशा लगाया जा रहा है कि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में भी फिर कुछ पाबंदिया लगाई जा सकती है। प्रदेश में भीड़भाड़ वाले आयोजनों में लोगों की संख्या को कम किया जा सकता है। राजस्थान में ओमिक्रॉन के भी 17 से ज्यादा केस मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग अब डेली सैंपलिंग की संख्या बढ़ाने के साथ जिनोम सिक्वेंसिंग पर भी जोर दे रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओमिक्रॉन के खतरे पर नियंत्रण करने और कोविड के मौजूदा हालात का रिव्यू कर आगे फैसला करने के लिए दोपहर 1 बजे से रिव्यू बैठक बुलाई है। इस रिव्यू में एक्सपर्ट डॉक्टर्स सरकार को राय देंगे। बताया जाता है कि इस ओपन रिव्यू बैठक के बाद नई गाइडलाइन को मंजूरी मिलने की संभावना है। केंद्र सरकार की एडवाइजरी के बाद राज्य सरकार भी नई गाइडलाइन जारी करने पर विचार कर रही है। केंद्र ने हाल ही में राज्यों को एडवाइजरी जारी कर पांबदियां लगाने का सुझाव दिया है। प्रदेश में रात 11 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू है, लेकिन इसकी सख्ती से पालना नहीं हो रही है। सरकार नाइट कर्फ्यू पर सख्ती कर सकती है। मास्क को लेकर भी सख्ती नहीं है। बिना मास्क वालों से जुर्माना वसूलने का अभियान फिर से शुरू हो सकता है। नए साल पर भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर सरकार रोक लगा सकती है। नए साल पर होने वाली बड़ी भीड़ से कोरोना फैलने का खतरा है, इसलिए पार्टियों में लोगों की संख्या की लिमिट तय की जा सकती है। नए साल पर पटाखों को लेकर पहले से ही गाइडलाइन तय है। नई साल के जश्न पर केवल दो घंटे ग्रीन पटाखे चलाने की ही अनुमति है। पटाखों को लेकर दिवाली पर जारी गाइडलाइन आगे भी लागू रहेगी।