ईमानदारी की मिसाल बना व्यापारी, गेहूं के कट्टे में रुपए और आभूषण रखकर भूली महिला को लौटाए

Return the forgotten woman by placing money and jewelery in the wheat bag
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झालावाड़। बे—ईमानों की इस दुनिया में कुछ लोग हैं जो याद दिला जाते हैं कि ईमानदारी अभी जिंदा है। अगर पैसा और आभूषण किसी को यूं ही राह चलते या बिना कुछ किए मिल जाए तो हर किसी का ईमना डोल जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको रुपए, आभूषण से भरा कट्टा मिला लेकिन फिर भी ईमान को जिंदा रखा। जी हां, हम यह कोई कही सुनी बात नहीं कर रहे बल्कि हकीकत है। यह वाक्य अक्सर गांवों-कस्बों में लोगों के मुंह से कहते हुए सुना होगा कि अगर पैसा, आभूषण खून पसीने की कमाई का हो और वह गुम हो जाए तो कोसों दूर जाकर भी लौट कर वापस आता है। ऐसा ही कुछ दहीखेड़ा निवासी एक महिला के साथ हुआ है। दरअसल, हुआ यह कि महिला ने मेहनत मजदूरी कर कुछ रुपए, गहने जोड़कर चोरों से बचाने के लिए घर पर रखे गेहूं के कट्टों में छिपा दिए और भूल गई। इसके कुछ दिनों बाद गेहूं के कट्टों को दहीखेड़ा में ही गल्ला व्यापारी जाहिद अंसारी को बेच दिए। गल्ला व्यापारी ने भी अगले दिन खानपुर कृषि उपज मण्डी में जिंस बेच दी. वहां से गेहूं बांरा मण्डी में पहुंच गए।
बोरियां खाली करते समय नकद रुपए, गहने गेहूं के ढेर में मिले
एक सप्ताह बाद महिला को रुपए की एक साथ याद आई तो महिला के पैरों से जमीन खिसक गई। महिला दौड़ती हुई दहीखेड़ा के गल्ला व्यापारी के पास पहुंच कर घटना की जानकारी दी। गल्ला व्यापारी ने भी इसकी सूचना खानपुर मण्डी एवं वहां से भी बारां मण्डी व्यापारी को सूचना दी गई। वहां गेहूं की बोरियां खाली करते समय नकद रुपए, गहने गेहूं के ढेर में मिले। मंगलवार देर रात खानपुर कृषि उपज मंडी में महिला को बुलाकर सौंपे गए। जानकारी के अनुसार महिला ने सोने का हार, आधा किलो चांदी, बिछिया और नकद रुपए पोटली में बांधकर गेहूं के कट्टों में रख दी। महिला ने नकदी व आभूषण पाकर लोगों को आभार व्यक्त किया।

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