


जयपुर। प्रदेश में कोरोना के कम होते आंकड़ों के बाद प्रदेशवासियों को लॉकडाउन में 70 प्रतिशत राहत दी है। इसके बाद अब सरकार राजस्व बटोरने की तैयारी में जुट गई है। राजस्थान में शराब की दुकानों को लेकर सरकार फिर से सैंकड़ों दुकानों को नीलाम करने की तैयारी कर रही है जो निलामी प्रक्रिया में छूट गई थी और उनको कोई लेने नहीं आया था। इस निलामी प्रक्रिया से करोड़ों रुपयों का अर्जन होने की उम्मीद है। प्रकिया इसी सप्ताह शुरु की जानी है। सरकार ने इस साल निलामी प्रक्रिया शुरु की और करीब साढे सात हजार दुकानों के लिए प्रक्रिया रखी। इनमें से करीब पौने सात हजार से ज्यादा दुकानें निलामी प्रक्रिया में बेंच भी दीं और इससे हजारों करोड़ रुपए का रेवेन्यू कमाया। यही कारण है कि आबकारी विभाग सरकार के टॉप तीन कमाउ पूतों में शामिल है। सरकार ने इस बार 13500 करोड़ रुपए का रेवेन्यू टारगेट रखा है और इसे पूरा करने के लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं। अच्छी खासी रकम निलामी प्रक्रिया के दौरान कमाई जा चुकी है।
इस बार शराब कारोबारियों ने नहीं दिखाई रूचि
कोरोना संक्रमण का असर शराब की बिक्री पर पडा। तो वहीं ई निलामी प्रक्रिया के दौरान प्रदेशभर में 717 दूकानों को खरीदने में शराब कारोबारियों ने बोली नहीं लगाई। ऐसे में कोरोना संक्रमण का असर कम होने के साथ ही अब विभाग ने शेष दुकानों की ई नीलामी के लिए आवेदन मांगने शुरू कर दिए हैं। आबकारी अफसरों ने बताया कि कि प्रदेश की 7665 शराब की दूकानों के लिए इस बार ईकृनीलामी की गई। इस दौरान 717 दुकानों पर किसी ने बोली नहीं लगाई थी। जिसमें सर्वाधिक दुकाने श्रीगंगानगर जिले से है। जहां 113 दुकानों पर किसी ने बाली नहीं लगाई। तो वही दूसरे नम्बर पर उदयपुर जिले रहा। जहां 73 दुकानें निलाम नहीं हुई। ऐसे में दुकानों की ई निलामी की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा रहा है।
गंगानगर और उदयपुर के अलावा अजमेर 52, भीलवाड़ा 48, हनुमानगढ 40, जोधपुर 33, जयपुर सिटी 20, जयपुर ग्रामीण 07, चितौडगढ़ 30, कोटा 08, बीकानेर 21, भरतपुर 02, अलवर 29, बाडमेर 06, बूंदी 13, बासवांड़ा 25, चूरू 11, डूंगरपुर 21, दौसा 1, जैसलमेर 8, जालोर 08, झुंझुंनू 12, करौली 1, नागौर 29, पाली 15, प्रतापगढ़ 6, राजसमंद 22, सीकर 24, सिरोही 13, सवाई माधोपुर 2, टोंक में सात दुकानें नीलाम होनी हैं। अधिकारियों का कहना है कि निलामी प्रक्रिया में पिछली बार की तुलना में कुछ छूटें भी दी गई हैं ताकि निलामी में कारोबारी शामिल हों।