राजस्थान में शादियों में बिन्दोली रोकने, दूल्हे को घोड़ी चढऩे से रोकने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई, प्रदेशभर में सर्क्यूलर जारी

Strict action will be taken against those who stop Bindoli in weddings in Rajasthan, stop the groom from climbing the mare, circular issued across the state
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जयपुर। दलितों के शादी समारोह में बिन्दोली रोकने, दूल्हे को घोड़ी नहीं चढऩे देने जैसे मामलों पर पुलिस मुख्यालय एक्शन में है। पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को एक सर्क्यूलर जारी किया है, जिसमें एक घटनाओं को होने से पहले रोकने और होने के बाद कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि कुछ जिलों में पिछले दिनों दलित वर्ग के विवाह समारोह में बिन्दोली रोकने, दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देने, बरातियों से मारपीट करने और बैण्ड नहीं बजाने देने जैसी घटनाओं में वृद्धि हुई है। इस प्रकार के कृत्य (अस्पृश्यता)। संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लघंन है और गैर कानूनी भी। सर्कुलर में कहा गया है कि ऐसे कृत्यों को रोकना पुलिस का उत्तरदायित्व है। सरकार द्वारा दलितों के अधिकारों की रक्षा और उन पर अन्य सामाजिक वर्गों द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों पर प्रभावी रोकथाम के लिए अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 तथा अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम 2015 एवं 2018 लागू किया गया है। ऐसी घटनाओं को घटित होने से रोकने के लिए और ऐसी घटनाऐं घटित होने के बाद कानूनी कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
पीएचक्यू ने जारी किया सर्क्यूलर
सर्क्यूलर में कहा गया है कि ऐसी घटनाएं ना हो इसके लिए एसपी अपने सभी थानाधिकारियों को निर्देशित करें कि उनके थाना क्षेत्रों में ऐसे स्थानों को चिन्हित करें जहां पर दलित वर्ग और अन्य सामाजिक वर्गों में किसी प्रकार का विवाद चल रहा है। वहां विवाह समारोह, बारात या बिन्दोली के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना के घटित होने का अंदेशा होने पर संदिग्धों के खिलाफ पूर्व से ही निरोधात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए। इसके अलावा बीट स्तर पर जानकारी जुटाई जाए कि भविष्य में किन-किन दलित परिवारों के घर पर शादी का कार्यक्रम है और दलित वर्ग की शादी के दिन सद्भावना के साथ बिन्दोली निकाले जाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए।
सभी बीट कांस्टेबल अपने क्षेत्रों के पंच, सरपंच, पार्षद सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र और सम्बन्धित समुदायों के साथ समन्वय कर इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से मीटिंग लेकर इस सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के लिए प्रयास करें। सभी समुदायों के नागरिकों को भी सम्बन्धित कानूनों के बारे में शिक्षित किया जाए।
दोषियों को गिरफ्तार करेगी पुलिस
किसी घटना होने की सम्भावना होने पर तुरन्त सम्बन्धित थाना और पुलिस अधिकारियों को सूचित किया जाए। इन उपायों के बाद भी अगर ऐसी घटना घटित हो जाएं तो जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण कर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई करें। कानून-व्यवस्था सुचारू रहे इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाए। इस प्रकार की घटनाओं के सम्बन्ध में शिकायत प्राप्त होने पर तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए साथ ही अनुसंधान भी निर्धारित समय में पूरा किया जाए।

 

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