ग्रामीण इलाको पशुओं में इस रोग से अब तक इतनी बकरियों ने तोड़ा दम

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ग्रामीण इलाको पशुओं में इस रोग से अब तक इतनी बकरियों ने तोड़ा दम
बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में पशुओं के लिए जानलेवा रोग फडकिया (इंटेरोटॉक्सिमिया) का कहर व्याप्त हो रहा है। इस रोग से क्षेत्र के गांव इंदपालसर हिरावतान के पशुपालक जयपालसिंह पुत्र चंद्रसिंह की दो दिनों में 12 बकरियां मर चुकी है। रेवड़ पालन से अपनी आजीवीका चलाने वाले जयपालसिंह सोमवार सुबह उठे तो रेवड़ की एक बकरी मरी हुई मिली और दिन भर में पांच और मर गई। इसी प्रकार मंगलवार को भी दोपहर तक ही छह बकरियां और मर चुकी है। जयपालसिंह ने बताया कि बकरी में बाल खड़े हो जाते है एवं मूंह में फोड़े हो रहे है। बकरी को दस्त लग रहे है एवं लक्षण दिखने के दो घंटे में ही बकरी की मौत हो रही है। सूचना मिलने पर रीड़ी पशु धन सहायक भगवानाराम मौके पर पहुंचे एवं बकरियों की जांच की। भगवानाराम ने बताया कि वहां मरने वाली एवं बिमार बकरियों में इंटेरोटॉक्सिमिया के लक्षण दिखे है। यह इंसानों में डायरिया जैसा ही पशुओं में यह रोग है जिसे सामान्य भाषा में फड़किया रोग कहते है। इसका वैक्सीनेशन उपलब्ध है लेकिन पशुपालक पहले वैक्सीन नहीं लगवा रहे। ऐसे में इसका प्रकोप फैल रहा है। इंदपालसर हिरावतान पहुंच कर अन्य पशुओं को वैक्सीन लगा दी गई है। लेकिन बिमारी लगने के बाद इम्यूनिटी कमजोर हो जाने के कारण उतना असर नही हो पाता। ऐसे में आवश्यकता है कि पशुपालक जागरूक हो एवं पशुओं के बिमार होने से पहले ही वैक्सीनेशन करवा लेवें। वहीं दूसरी और पशुपालक को 12 बकरियों के मरने से हुए हजारों रुपए का मुआवजा दिलवाने की मांग ग्रामीणों ने प्रशासन से की है।

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