


जोधपुर। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित बाड़मेर जिले में इलाज के नाम पर मरीज के जीवन से खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है। यहां एक मरीज गुप्तांग पर हुये फोड़े का इलाज कराने सरकारी चिकित्सालय गया था। वहां चिकित्सक ने उसे इलाज के लिये निजी अस्पताल में भेज दिया। वहां न केवल पीड़ित से मोटी रकम वसूल ली गई, बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट को ही काट दिया गया। पीड़ित ने अब इस मामले में पुलिस के सामने अपना दर्द बयां किया है। पीड़ित के पास इलाज के रुपये नहीं होने के कारण उसने अपने घर को गिरवी रखकर यह रकम जुटाई थी। जानकारी के अनुसार बाड़मेर निवासी एक मरीज के गुप्तांग पर एक फोड़ा हो गया था। वह उसका इलाज करवाने के लिये बाड़मेर के सरकारी अस्पताल में गया। पीड़ित का आरोप है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर वीके गोयल ने उसे कहा कि इसका बाड़मेर के निजी यश अस्पताल में इलाज संभव है। एक मामूली सर्जरी की जाएगी और वह पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगा। डॉक्टर ने इलाज की फीस डेढ़ लाख रुपए बताई। पीडि़त के पास इतने रुपये नहीं थे तो उसने अपने घर का पट्टा गिरवी रखकर रकम जुटाई और डॉक्टर को फीस अदा की। उसके बाद उसका इलाज शुरू किया गया।
पीडि़त ने बताया कि इलाज के दौरान उसे बेहोशी का इंजेेक्शन लगाया गया था। बाद में जब उसे होश आया तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई। क्योंकि उसका प्राइवेट पार्ट करीब 1 इंच कटा हुआ था। उस पर करीब 12 टांके लगे हुए थे। पीड़ित का आरोप है कि उसका इलाज 1 सरकारी और 2 निजी डॉक्टर्स ने किया। डॉक्टर्स ने लापरवाही बरतते हुए उसका जीवन तबाह कर दिया।
आईजी के पास पहुंचा पीडि़त
पीड़ित ने इस घटना की शिकायत बाड़मेर एसपी को देते हुए परिवाद दर्ज करवाया। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस उसके मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके चलते उसने मंगलवार को जोधपुर रेंज आईजी नवज्योति गोगई को शिकायत सौंपी है।