


बीकानेर। कहते है ना जिसका कोई नहीं, वो भगवान भरोसे है। उनकी रक्षा के लिए विपदा आने पर भगवान स्वयं अलग-अलग भेष में प्रकट होकर अटका काम पूर्ण करते है। ऐसा कल श्रीडूंगरगढ़ के कितासर गांव में देखने में आया। जिसमें हादसे की भेंट चढ़ चुके एक परिवार की दोहिती की शादी की चिंता को लेकर उसकी नानी आस लगाए बैठी थी। ऐसी परिस्थितियों का जब गरीब सेवा संस्थान के तेजरासर निवासी महेन्द्र जाखड़ को सुनने में आया तो जाखड़ ने उसकी परिवार की बेटी की शादी का जिम्मा लेने का संकल्प लिया और अपनी सगी बहन की शादी अनावश्यक खर्च ना कर इंदिरा की शादी करवाई। जब इसकी भनक आसपास के गांवों में लगी तो सभी महेन्द्र जाखड के इस सराहनीय कार्य का आभार जताया। गौरतलब है कि इंदिरा के पिता स्व. तेजाराम बावरी गांव डुंगरास का दो वर्ष पूर्व देहांत हो गया। इंदिरा की माता की मानसिक स्थिति पिछले २० वर्षों से खराब होने के कारण उन्हें बेडिय़ों में जकड़कर जीवन यापन किया जा रहा है। इस स्थिति में इंदिरा की शादी करवाना इंदिरा की नानी मघी देवी बावरी कितासर पर बोझ बन गया था। इस समस्या को लेकर आगे आए गए गरीब सेवा संस्थान के महेन्द्र जाखड़ ने इंदिरा कि शादी करवाने का फैसला लिया।