पहले दिन 71 ग्रामीणों ने किया आवेदन तथा 37 ने मांगा काम

71 villagers applied on the first day and 37 asked for work
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बीकानेर। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन का ‘काम मांगोÓ अभियान सींथल में प्रारम्भ हुआ। पहले दिन 71 ग्रामीणों ने महात्मा गांधी नरेगा के तहत रोजगार के लिए आवेदन किया तथा इनमें से 37 लोगों ने काम की मांग की। कोरोना के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले पांच लोग भी इसमें शामिल हैं। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव राजकुमार किराडू ने ग्रामीणों को मनरेगा के विभिन्न प्रावधानों तथा इसमें दिए गए ‘दस हकÓ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मनरेगा के प्रत्येक परिवार को अपनी ही पंचायत में साल में दो सौ दिन के रोजगार की गारंटी दी है। ग्रामीण इसका लाभ उठाएं तथा दूसरों को भी बताएं। पंद्रह दिनों में काम उपलब्ध नहीं करवा सकने की स्थिति में सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। साथ ही निर्धारित समय में भुगतान नहीं होने पर क्षतिपूर्ति भत्ते का प्रावधान भी किया गया है। इस दौरान रोजगार के लिए फॉर्म-6 भरवाने एवं इसे प्रस्तुत करना भी बताया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान लगभग 400 ग्रामीण विभिन्न क्षेत्रों से आए हैं। इनमें से 10 दिहाड़ी मजदूर हैं। इनमें से 5 लोगों ने काम मांगा है। किराडू ने कहा कि कोरोना जैसे वैश्विक संकट में यूपीए सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई मनरेगा योजना, ग्रामीणों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। यह तभी सार्थक होगी, जब अधिक से अधिक ग्रामीण इसके तहत रोजगार की मांग करेंगे। उन्होंने राजीव गांधी पंचायती राज संगठन द्वारा ग्रामीणों को जागरुक करने के लिए ऐसे अभियान चलाए जा रहे हैं। इस दौरान नरेगा श्रमिकों ने सीथल के तालाब की सफाई की। ग्राम विकास अधिकारी रामरतन चौधरी द्वारा छाया एवं पानी तथा चिकित्सा अधिकारी नरपत सेवग द्वारा दवाइयों की व्यवस्था की गई।
पंचायत समिति के पूर्व सदस्य मुरलीधर पन्नू ने कहा कि सीथल के सभी जरुरतमंद लोग काम के लिए आवेदन करें, जिससे यहां से अभियान की सार्थक शुरूआत हो सके। उन्होंने कहा कि शिविर के बाद भी आवेदन किए जा सकेंगे। इस दौरान पूर्व वार्ड पंच डूंगरदान, देवीदान बिठू, रमेश बिठू, उमा सुथार, मोहन कस्वां, शंकर तर्ड सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।

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