


बीकानेर। पिछले कुछ दिनों से नगर निगम में चल रहे घमासान ने तूल पकड़ लिया। जिसके चलते कोविडकाल के दौरान नगर निगम कार्मिक कार्य बहिष्कार तक कर बैठे। मामला इतना गरमा गया कि इसको लेकर जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम को दो पक्षों के बीच वार्ता कर हस्तक्षेप करते हुए मामला सुलझाना पड़ा। ऐसे में नगर निगम के कर्मचारियों ने जिला प्रशासन की अपील और भविष्य में किसी कार्मिक के साथ मारपीट जैसी घटनाएं ना होने के आश्वासन पर आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया है। जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम, महापौर और निगम आयुक्त डॉ. खुशाल यादव के बीच इस संबंध में प्रथम दौर की वार्ता हुई। इसके बाद दूसरे दौर की वार्ता एडीएम प्रशासन एएच गौरी, आरएएस अधिकारी शैलेंद्र देवड़ा और कार्मिकों के प्रतिनिधियों के बीच हुई अगले दौर की वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया। वार्ता में जिला प्रशासन की ओर से मुकदमों की निष्पक्ष जांच, द्वेष भाव से किसी कार्मिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने और भविष्य में मारपीट की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने के आश्वासन के बाद निगम कार्मिकों ने आंदोलन स्थगित करते हुए काम पर लौटने का फैसला किया है। वार्ता के दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन एएच गोरी, शैलेंद्र देवड़ा, नगर निगम आयुक्त डॉ खुशाल यादव और नगर निगम के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी शिवलाल तेजी, नवरंग लाल मेघवाल, गणेश चंदेलिया, अशोक व्यास, चंद्रशेखर चमरिया, गजराज चांवरिया, चंचल चांवरिया और सुरेश वाल्मीकि आदि उपस्थित रहे।
आश्वस्त नजर आए निगम कार्मिक
कलेक्टर कुमार पाल गौतम के साथ हुई बातचीत के बाद निगम के कार्मिक आश्वस्त नजर आए। जिला कलेक्टर ने अपील की कि वर्तमान में कोरोना संकट एक चुनौती है और ऐसे समय में निगम के कार्मिकों को बीकानेर की जनता के हित में निर्णय लेते हुए इन छोटी घटनाओं से ऊपर उठकर अपने कर्तव्य निष्ठा के अनुसार कार्य करना चाहिए। जिला कलेक्टर की और से नियुक्त प्रतिनिधियों की समझाइश पर निगम कार्मिकों के प्रतिनिधियों की ओर से आंदोलन को स्थगित करने के बारे में निर्णय लिया गया। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बताया कि विवाद सुलझ चुका है और अब सभी सौहार्दपूर्ण तरीके से आपस में मिलकर शहर के हित में काम करेंगे।