


बीकानेर। कोरोनाकाल में जहां एक ओर हर वर्ग आर्थिक तंगी से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर कृषि विपणन बोर्ड के निदेशक ने एक अध्यादेश जारी कर कृषि जिन्सों पर किसान कल्याण कोष के नाम पर २ प्रतिशत फीस लगाकर किसानों व व्यापारियों के साथ कुठाराघात कर रही है। यह कहना था शहर भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह का। उन्होंने बताया कि किसान कल्याण कोष के नाम से फीस लगाने के आदेश का भारतीय जनता पार्टी विरोध करती है। भाजपा शहर जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा इस अध्यादेश का सीधा असर किसानों पर पड़ेगा। कोरोना की मार झेल रहे किसानों व व्यापािरयों को इस अध्यादेश से काफी नुकसान होगा। इस अध्यादेश के विरोध में राजस्थान की कई मंडियां बुधवार को बंद रही है जिसका सीधा असर छोटे दुकानदारों के साथ आमजन पर भार पड़ेगा। पूर्व जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कोविड-19 के कारण जल्द खराब होने वाली फसलों में पहले ही बड़ा आर्थिक नुकसान झेल चुके किसानों को राज्य सरकार से उम्मीद थी कि वे किसानों को राहत देगी लेकिन ऐसे समय में यह फीस लगाई गई। जब किसान की कृषि जिन्सों का सुचारू व्यापार नहीं होने तथा उपभोक्ताओं की मांग में कमी आने से उन्हें पहले ही उचित भाव नहीं मिल रहा। जिला महामंत्री मोहन सुराणा ने कहा कोरोना महामारी में सबसे ज्यादा सहयोग मंडी के व्यपारियों ने भामाशाहो ने किया सरकार द्वारा कृषक कल्याण फीस के रूप में 2 प्रतिशत नया टैक्स लगाकर इस व्यापारियों को झटका दिया साथ ही किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी। शहर जिला प्रवक्ता मनीष सोनी ने कहा किसानों की उपज समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चने की खरीद तो शुरू कर दी लेकिन केवल चंद संपन्न किसानों की फसल ही तुल पा रही है समर्थन मूल्य पर मार्च की जगह पहले ही दो महीने लेट तुलाई शुरू की वर्तमान में बीकानेर मंडी में सेंकडो वाहन कृषि जिन्स लेकर आ रहे है इनमें से केवल कुछ वाहनों का माल ही समर्थन मूल्य पर तुल रहा है।