


बीकानेर। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में 13 हजार 346 फर्जी वोटर जोडऩे का मामला निर्वाचन आयोग तक जा पहुंचा है। क्रॉस वेरिफिकेशन के लिए कलेक्टर गुरुवार को मतदाताओं से मिले। जांच रिपोर्ट लेकर वे शुक्रवार को जयपुर जाएंगे। दरअसल कांग्रेसी नेता राजकुमार किराड़ू ने शिकायत की थी कि पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में 30 से 70 साल की उम्र के 13346 नाम पहली बार जोड़े गए हैं। उन्होंने इनके फर्जी होने की आशंका जताते हुए फार्म नंबर छह और सात की जांच की मांग की थी। अचानक इतने नए वोटर पश्चिम में कहां से आ गए।
कलेक्टर ने इसकी जांच के लिए एडीएम सिटी जगदीश प्रसाद गौड़ के नेतृत्व में सभी बीएलओ, सुपरवाइजर, आईएलए तथा सहायक भू-प्रबंधक को लगाया था। इस टीम को एक-एक वोटर का वेरिफिकेशन करने को कहा गया था। गुरुवार तक रिपोर्ट तैयार करनी थी, लेकिन नहीं हो सकी। अब कलेक्टर ने शुक्रवार को हर हाल में रिपोर्ट मांगी है। जयपुर होने वाली निर्वाचन आयोग की मीटिंग में कलेक्टर जांच रिपोर्ट पेश करेंगे।
इस बीच गुरुवार को कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल खुद क्रॉस वेरिफिकेशन के लिए निकल पड़े। उन्होंने पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में जोड़े नए नाम, हटाए गए नाम और संशोधन कार्य की जांच की। कलाल ने बंगला नगर में मतदाताओं से संपर्क कर वोटर लिस्ट में नए जोड़े गए नाम वाले मतदाताओं की जानकारी ली और आयु आदि के प्रमाण देखे। साथ ही नाम हटाए गए लोगों के परिजनों से भी बात की और मतदाता सूची का भौतिक सत्यापन किया।
पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में फर्जी में नाम जोडऩे की शिकायत को लेकर कलेक्टर ने कांग्रेस के कुछ नेताओ को बुलाकर बातचीत की है। पता चला है कि गुलाम मुस्तफा, सुभाष स्वामी, अरुण व्यास, दीन मोहम्मद और सरताज बुधवार को कलेक्टर से मिले थे। जबकि राजकुमार किराड़ू से एडीएम सिटी ने फोन पर बात की। किराड़ू ने बताया कि छह महीने का सेल्फ डिक्लेरेशन देने पर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने का नियम बताया जा रहा है, जो गले नहीं उतर रहा। बीएलओ बिना किसी जांच के नया नाम कैसे जोड़ सकता है। यह वेरिफाई तो करना ही होगा कि वोटर व्यक्ति छह महीने से निवास कर रहा है।