


बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि बीकानेर से होकर निकलने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर चल रहे कार्य निश्चित समय सीमा में पूर्ण हो जाएं। साथ ही ऐसे स्थान जहां दुर्घटना होने की संभावना अधिक हो, वहां साइन बोर्ड लगाए जाएं तथा जिला मुख्यालय पर बन रहे मरूधरा बायोलॉजिकल पार्क का निर्माण अगस्त तक पूर्ण कर लिया जाए। गौतम गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सार्वजनिक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय उच्च मार्ग, राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड सहित सार्वजनिक निर्माण विभाग के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। गौतम ने कहा कि स्थानीय लक्ष्मीनाथ मंदिर में मुख्य द्वार के पास बनने वाले अतिरिक्त गेट और रैम्प का निर्माण शीघ्र किया जाए। कार्य प्रारंभ करने से पहले मंदिर के पुजारी और अन्य मौजूद लोगों से भी बातचीत करें ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिल सके। उन्होंने अधीक्षण अभियंता राष्ट्रीय उच्च मार्ग को निर्देश दिए कि बीकानेर बायपास एनएच 11 से सीकर तक का कार्य फोरलेन में होना है साथ ही यहां सर्विस रोड बनाने का कार्य भी निश्चित समय अवधि में किया जाए। कोविड-19 के लॉकडाउन के बाद वर्तमान में सभी निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बीकानेर से जयपुर रोड की ओर जो फोरलेन सड़क बनी हुई है उसके बीच में डिवाइडर पर तारबंदी कर यातायत को सुगम बनाएं ताकि तारबंदी के होने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर पशु एक तरफ से दूसरी तरफ ना जा पाए और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके। जिला कलेक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सड़क निर्माण के लिए काश्तकारों की भूमि आवाप्ति की जाती है। भूमि के अधिग्रहण के बाद सभी लोगों को भुगतान समय पर मिल जाए इसके लिए मौके पर ही कैंपों का आयोजन कर भुगतान की कार्यवाही की जाए। उन्होंने बहुत स्पष्ट निर्देश दिए जो भूमि अधिग्रहित की गई है और यदि सम्बंधित व्यक्ति मुआवजा राशि नहीं लेता है तो ऐसी स्थिति में राशि न्यायालय में जमा करवा दी जाए। गौतम ने कहा कि सभी कार्यकारी एजेंसियों को सांसद व विधायक निधि से भी सड़क निर्माण करवाने के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है ऐसे में जिन विधायकों एवं सांसद द्वारा सड़क निर्माण के लिए राशि जारी की गई है वहां तत्काल कार्य प्रारंभ कर पूर्ण कर लिया जाए। अगर इसी स्थान पर सड़क निर्माण करना फीजिबल ना हो तो ऐसी स्थिति में तत्काल संबंधित विधायक को अवगत करवा दिया जाए, निर्माण कार्य में समय और गुणवत्ता का ध्यान रखना प्राथमिकता में रहना चाहिए। सांसद व विधायक कोष से राशि स्वीकृत करने के बाद कार्य में देरी होने पर स्वीकृत राशि और निर्माण कार्य की लागत में अंतर आ जाता है और सड़क निर्माण जैसा महत्वपूर्ण कार्य या तो बंद कर दिया जाता है या निरस्त हो जाता है ऐसे में सभी अभियंता यह सुनिश्चित करें कि निर्माण कार्य निश्चित समय अवधि में आवश्यक रूप से हो जाए।