सर्दियों तथा कोहरे के मौसम में संरक्षित रेल संचालन के लिए रेलवे पूर्ण मुस्तैद

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बीकानेर। उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के कारण मुख्यत: रेल यातायात भी प्रभावित होता है। उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर एवं बीकानेर मण्डल के रेलखण्ड प्रमुखत: कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते है। कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डो में रेलसेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिये रेलवे ने विशेष अतिरिक्त प्रबन्ध किये है। जिसमें सम्बंधित विभाग इंजीनियरिंग, सिगनल एंव दूरसंचार, विद्युत, यांत्रिक, परिचालन व संरक्षा विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में संरक्षित रेल संचालन हेतु दिशानिर्देश जारी किये गए है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के दौरान गाडी संचालन में संरक्षा एवं सुरक्षा को देखते उत्तर पश्चिम रेलवे पर विशेष प्रंबध किये गए है। संरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने के लिये श्री अमिताभ, महाप्रबंधक-उत्तर पश्चिम रेलवे ने सभी विभागाध्यक्षों को सर्दियों के मौसम में विशेष सतर्कता के साथ कार्य करने के लिए समीक्षा बैठक में भी निर्देशित किया। उत्तर पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में चलने वाली समस्त रेलसेवाओं के लोको पायलेट को फोग सेफ्टी डिवाईस उपलब्ध करवाये गए है। सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर लगभग 900 फोग सेफ्टी डिवाईस उपलब्ध है एवं इन सभी में धुन्ध/कोहरे वाले रेलखण्ड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है। इस रेलवे के जयपुर एवं बीकानेर मण्डल पर प्राय: धुन्ध एवं कोहरे की अधिकता रहती है। इस कारण इन मण्डलों पर अधिक संख्या में फोग सेफ्टी डिवाईस का प्रयोग किया जाता है। फोग सेफ्टी डिवाईस को इंजन पर लगा दिया जाता है, यह डिवाईस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली द्वारा उस खण्ड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलेट को पूर्व में ही अवगत कराता रहता है। जिससे लोको पायलेट अपनी गाडी की स्पीड की नियंत्रित कर संरक्षा सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त कोहरे वाले रेलखण्डों में सभी स्तर के कर्मचारियों के लिए सेफ्टी सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है तथा कम तापमान के दौरान रेल/वेल्डिंग फेलियर की पहचान कर उनको रिपेयर किया जा रहा है तथा फिश प्लेटों का अनुरक्षण, ट्रेक रिन्यूअल जैसे कार्य पूरे किए जा रहे है। कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, समपार फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। लोको पायलेट को सिगनल एवं अन्य संकेतको की दृश्यता ठीक प्रकार से दिखे इसके लिए संकेतको पर पुन: पेटिंग एवं चमकीले साईन बोर्ड तथा संकेतको के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है। इसके अतिरिक्त ऐसे खण्ड में पेट्रोलिंग की आवृति को बढाकर रेलपथ की निगरानी को बढाया गया है। कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों/अधिकारियों द्वारा रेलवे स्टॉफ की सजगता को लगातार चैक किया जा रहा है। कोहरे के मौसम में रेलयात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा हेतु कटिबद्ध है। कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में गाडियॉ देरी से संचालित हो सकती है। इसके साथ ही कुछ रेलसेवाओं को रद्द कर उनकी आवृति को कम किया गया है ताकि वह संचालित दिनों में समयपालनता को बनाये रख सके।

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